- टूरिस्ट वीजा पर अमेरिका से केरल आए थे जॉनी पॉल पियर्स
- लॉकडाउन की वजह से पिछले 5 महीने से यहीं पर हैं
- अब अमेरिका वापस नहीं जाना चाहते जॉनी पॉल पियर्स
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए यात्रा प्रतिबंध के कारण कई विदेशी भारत में फंस गए और वो अपने देशों में वापस जाने के लिए बेताब हैं। लेकिन केरल में 5 महीने से रुके 74 साल के अमेरिकी नागरिक जॉनी पॉल पियर्स ऐसा बिल्कुल नहीं चाहते हैं। वो अपनी बाकी जिंदगी यहीं बिताना चाहते हैं। कोच्चि में रह रहे पियर्स ने इसके लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। वह अपने टूरिस्ट वीजा को बिजनेस वीजा में परिवर्तित कराना चाहते हैं।
उनका कहना है, 'कोविड 19 की वजह से अमेरिका में अराजकता है और सरकार भारतीय सरकार की तरह देखभाल नहीं कर रही है। मैं यहां रहना चाहता हूं। मैं एक याचिका दायर कर रहा हूं कि मुझे केरल में और 180 दिनों तक रहने और यहां एक ट्रेवल कंपनी शुरू करने के लिए बिजनेस वीजा मिल सके। काश मेरा परिवार भी यहां आ पाता। यहां जो कुछ हो रहा है, मैं उससे बहुत प्रभावित हूं। अमेरिका में लोग कोविड 19 की परवाह नहीं करते हैं।'
जॉनी ने कहा, 'निवासी बनने का सबसे आसान तरीका एक भारतीय से शादी करना है, लेकिन मैं 74 साल का हूं और शायद यह विकल्प पीछे छूट गया है।' जॉनी विदेशियों के लिए एक केंद्र स्थापित करने और केरल में पर्यटन की संभावनाओं का पता लगाने की योजना बना रहे हैं।
26 फरवरी को भारत आए जॉनी
वह 26 फरवरी को टूरिस्ट वीजा पर भारत आए थे, जो 26 जनवरी 2025 तक वैध है। वह एर्नाकुलम के कंदनाडु में रह रहे हैं और लॉकडाउन के बाद वहां फंसा हुए थे। एक पर्यटक के रूप में भारत की यह उनकी पांचवीं यात्रा है। देश छोड़े बिना वह अपने पर्यटक वीजा को व्यवसाय वीजा में बदलने के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा, '74 साल की उम्र में अमेरिका की यात्रा करना जोखिम भरा है। वहां अराजकता है। मुझे केरल बहुत पसंद है। मैं वापस नहीं जाना चाहता हूं और मैं यहां शांति से रहना चाहता हूं।'