- उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में आज फिर उमड़ेगा किसानों का हुजूम
- देशभर के करीब 300 किसान संगठन कर रहे हैं किसान महापंचायत में शिरकत
- प्रशासन ने भीड़ को देखते हुए किए हैं पर्याप्त सुरक्षा के उपाय
मुजफ्फरनगर: तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आवाज मजबूत करने के मकसद से आज उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत (Kisan Mahapanchayat in Muzaffarnagar) होने जा रही है। बताया जा रहा है कि इस महापंचायत में देशभर के 300 से अधिक किसान संगठन शामिल हो रहे हैंष 60 किसान संगठन पंजाब, हरियाणा और राजस्थान से हैं। एक तरफ जहां महापंचायत में भाग लेने के लिए हजारों किसान मुजफ्फरनगर पहुंचे हैं, वहीं दूसरी तरफ महापंचायत को देखते हुए यूपी पुलिस भी अलर्ट है।
सबसे बड़ी महापंचायत
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने कहा कि महापंचायत से साबित हो जाएगा कि आंदोलन को सभी जातियों, धर्मों, राज्यों, वर्गों, छोटे व्यापारियों और समाज के सभी वर्गों का समर्थन प्राप्त है। सकेएम ने एक बयान में कहा, 'पांच सितंबर की महापंचायत योगी-मोदी सरकार को किसानों, खेत मजदूरों और कृषि आंदोलन के समर्थकों की शक्ति का एहसास कराएगी। मुजफ्फरनगर महापंचायत पिछले नौ महीनों में अब तक की सबसे बड़ी महापंचायत होगी।'
500 लंगर, 200 चिकित्सा शिविर
इस महापंचायत में भाग लेने वाले लोगों की भोजन की व्यवस्था के लिए 500 लंगर सेवाएं शुरू की गई हैं, जिसमें सैकड़ों ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर चलने वाली मोबाइल लंगर प्रणाली भी शामिल है। इतना ही नहीं पंचायत में शामिल होने वाले लोगों के लिए 100 चिकित्सा शिविर भी लगाए गए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर राज्य सरकार ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामले वापस नहीं लिए तो किसान 8 सितंबर को बड़े विरोध प्रदर्शन की रूपरेखा तैयार करेंगे।
प्रशासन अलर्ट पर
महापंचायत को देखते हुए पुलिस प्रशासन भी अलर्ट पर है। महापंचायत के मद्देनजर जिले की सभी शराब की दुकानों को बंद दिया गया है। सहारनपुर रेंज के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) प्रीतिंदर सिंह ने शनिवार को कहा कि कार्यक्रम की वीडियोग्राफी कराई जाएगी जबकि पांच वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी), सात अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) और 40 पुलिस निरीक्षक सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात रहेंगे। प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (पीएसी) की छह कंपनियां और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की दो कंपनियां तैनात की जाएंगी।