अगर कोई अपने जीवन में कुछ अलग करने के लिए दृढ़ हैं, तो उसके लिए कुछ भी असंभव नहीं है। मध्य प्रदेश के प्रफुल्ल बिल्लोर ने ये साबित किया है। बिल्लोर का चाय बेचने का व्यवसाय है और ये इतना सफल है कि इसका टर्नओवर 3 करोड़ रुपए हैं। 22 साल के प्रफुल्ल जो अब अहमदाबाद में रहते हैं वो देशभर में 'MBA चायवाला' के रूप में प्रसिद्ध हैं। तमाम कोशिशों के बावजूद प्रफुल्ल CAT में अच्छा स्कोर नहीं कर पाए और इसलिए उन्होंने पढ़ाई बीच में ही छोड़ने का फैसला किया। उन्होंने आखिरकार सड़क पर चाय बेचना शुरू कर दिया। अहमदाबाद में एमबीए की पढ़ाई के दौरान उन्होंने एक रेस्तरां में पार्ट टाइम काम किया। इस दौरान, एक चाय विक्रेता से बात करने के बाद बिल्लोर ने फैसला किया कि वह एक चाय की दुकान खोलेगा।
व्यवसाय के पहले दिन प्रफुल्ल ने दूध खराब होने और बहुत अधिक चीनी मिलाने के बाद केवल एक कप चाय बेची। धीरे-धीरे उनकी चाय की दुकान अच्छी चलने लगी। कुछ ही महीनों में उन्होंने 15,000 रुपए प्रति माह तक की कमाई शुरू कर दी। इस बीच उन्होंने अपना एमबीए छोड़ दिया, हालांकि उनके माता-पिता ने इसका विरोध किया।
ऐसे शुरू हुई कहानी
प्रफुल्ल ने ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए संघर्ष किया। उनकी कहानी हाल ही में 'ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे' द्वारा शेयर की गई थी। उन्होंने बताया, 'जब मैंने अपना सब कुछ देने के बाद कैट में अच्छा स्कोर नहीं किया, तो मैं तबाह हो गया। निराश होकर मैंने एक ब्रेक लेने और यात्रा करने का फैसला किया। लेकिन मेरे माता-पिता चाहते थे कि मैं एक डिग्री हासिल करूं। 20 साल की उम्र में मैंने अपनी बचत का इस्तेमाल किया। मैंने बहुत यात्रा की लेकिन अहमदाबाद पहुंचने पर मैंने रुकने का फैसला किया। मुझे एक रेस्तरां में पार्ट टाइम नौकरी मिली। मुझे पता था कि मेरे माता-पिता इसे अच्छी तरह से नहीं समझेंगे। और मैं सही था- वे गुस्सा थे। वे चाहते थे कि मुझे डिग्री मिले। इसलिए, मैंने एक एमबीए कॉलेज में दाखिला लिया। मैं पढ़ रहा था और काम कर रहा था; ईमानदारी से मैं एक MBA छात्र की तुलना में अधिक कैशियर के रूप में सीख रहा था।'
परिवार और दोस्तों ने उड़ाया मजाक
प्रफुल्ल ने आगे बताया कि मैं अपना खुद का व्यवसाय शुरू करना चाहता था, लेकिन मेरे पास धन नहीं था। फिर, एक दिन चाय पीते हुए मैंने चायवाले से बात की। मुझे लगा कि मुझे अपनी खुद की टपरी खोलनी चाहिए। मैंने तुरंत एक पतीला, एक लाइटर और एक चलनी खरीदी। प्रफुल्ल अपने काम में सब कुछ देना चाहते थे, इसलिए उन्होंने MBA छोड़ दिया। हालांकि, इस दौरान उनके माता-पिता ने कहा कि यह उनके परिवार के लिए शर्म की बात है। यहां तक कि उनके दोस्तों ने भी उनका मजाक उड़ाया। लेकिन प्रफुल्ल ने सभी से खुद को दूर करना बेहतर समझा।
ऐसे मिलती चली गई सफलता
बाद में उन्होंने अपनी दुकान पर ओपन माइक सेशन और बुक ड्राइव का आयोजन शुरू किया। वेलेंटाइन के दिन उनकी 'सिंगल के लिए मुफ्त चाय' वायरल हो गई और वहां के सभी सिंगल उनकी दुकान पर चले गए। वह तब प्रसिद्ध हुए और शादियों में चाय परोसने के ऑर्डर मिलने लगे। 2 सालों के बाद प्रफुल्ल ने अपना कैफे खोला और पूरे भारत में फ्रेंचाइजी दी। स्पीच देने के लिए उन्हें आईआईएम में आमंत्रित किया गया है। वो कहते हैं, 'जो लोग मेरा मजाक उड़ाते हैं, अब मुझसे सलाह मांगते हैं। मैं उनसे कहता हूं कि डिग्री मायने नहीं रखती, ज्ञान रखता है। मैं एक फुल टाइम चाय वाला हूं और मुझे इससे प्यार है।