- निर्भया के चार दोषियों को 20 मार्च को सुबह 5:30 बजे दी गई थी फांसी
- इस मामले का एकमात्र अहम गवाह अब गुमनाम सी जिंदगी जी रहा है
- वहीं इस मामले का दोषी जुवेनाइल जो तीन साल बाद छूट गया था वो उसकी पहचान भी गोपनीय रखी गई है
नई दिल्ली: निर्भया के चारों दोषियों विनय कुमार शर्मा, पवन कुमार गुप्ता, मुकेश सिंह और अक्षय को शुक्रवार को फांसी पर लटका दिया गया और इसके साथ ही सात साल तक चले इस कानूनी लड़ाई का भी अंत हो गया। निर्भया के दोषियों को फांसी के फंदे तक ले जाने में जहां उसके परिवार का सबसे अधिक योगदान रहा वहीं निर्भया की वकील सीमा कुशवाहा के योगदान की कतई अनदेखी नहीं की जा सकती है। इन सबके बीच एक शख्स ऐसा है जिसकी गवाही ने इस केस में अहम योगदान दिया।
गुमनाम जिंदगी जी रहा है दोस्त
जी हां हम बात कर रहे हैं निर्भया के दोस्त और इस केस के एकमात्र चश्मदीद गवाह की। यह शख्स उस काली रात को निर्भया के साथ था और उसने बाद में कोर्ट के सामने दोषियों की करतूत उजागर करते हुए एक-एक मिनट की घटना बयां की थी। दोषियों ने इस शख्स की भी पिटाई की थी। बताया जाता है कि हादसे के लगभग चार साल तक यह युवक सदमे में रहा और यह गुमनामी की जिंदगी जी रहा है। खबरों की मानें तो यह युवक अब शादी कर विदेश में रह रहा है और उसका एक बेटा है।
एक दोषी ने कर ली थी आत्महत्या
दरअसल निर्भया के चार नहीं बल्कि 6 लोग दोषी थे जिनमें से एक ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी जबकि एक जुवेनाइल था जो अपनी कम उम्र की वजह से बच गया था। कहा जाता है कि इसी जुवेनाइल ने निर्भया के साथ सबसे ज्यादा दरिंदगी की थी। लेकिन कानून के अनुसार तब उसे अधिकतम केवल तीन साल की सजा सुनाई गई थी बाद में उसे रिहा कर दिया गया था।
जुवेनाइल दोषी की पहचान रखी गई गोपनीय
रिहा होने के बाद भी इस जुवेनाइल की पहचान गोपनीय रखी गई। किसी को आज तक पता नहीं है कि वो जुवेनाइल अब कहां है और क्या कर रहा है। कुछ समय पहले खबर आई थी कि यह जुवेनाइल अब दक्षिण भारत के किसी ढाबे में नौकरी करता है और उसने अपना नाम भी बदल लिया है। इतना ही नहीं यह जुवेनाइल की समय-समय पर लोकेशन भी बदली जाती है ताकि उसकी पहचान उजागर ना हो।