- शेहला राशिद के पिता ने बेटी पर लगाए गंभीर आरोप
- पिता ने बेटी के एनजीओ के खिलाफ जांच की मांग की है
- शोरा ने अपनी बेटियों और उनकी मां के बैंक खातों की जांच की भी मांग की है
नई दिल्ली: जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) की पूर्व छात्रनेता शेहला रशीद एक दम से चर्चा में आ गई हैं। दरअसल उनके पिता अब्दुल राशिद शोरा ने गंभीर आरोप लगाए हैं। शोरा ने अपनी बेटी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने कश्मीर घाटी में राजनीति से जुड़ने के लिए पूर्व विधायक इंजीनियर राशिद और कारोबारी जहूर वताली से 3 करोड़ रुपए लिए थे। आतंकी फंडिंग में कथित संलिप्तता के लिए राशिद और वताली को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पिछल साल गिरफ्तार किया था।
शोरा ने शेहला द्वारा चलाए जाने वाले गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ), और अपनी बेटियों और उनकी मां के बैंक खातों की जांच की भी मांग की है। उन्होंने पुलिस महानिदेशक (DGP) को तीन पन्ने का एक पत्र लिखा है और अपनी बेटी शेहला, उनके सुरक्षा गार्ड, बहन और उनकी मां से जान का खतरा बताया है।
शेहला ने आरोपों को नकारा
शहला ने अपने पिता के आरोपों को आधारहीन और बकवास बताया। ट्विटर पर शेहला ने लिखा, 'आप में से कई लोगों ने मेरे पिता द्वारा मुझ पर, मेरी मां और बहन पर लगाए गए आरोपों का वीडियो देखा होगा। कम शब्दों में और स्पष्ट तौर पर कहूं तो वह अपनी पत्नी को पीटने वाले, गाली-गलौज करने वाले शख्स हैं। हमने उनके खिलाफ कदम उठाने का फैसला किया और इसके जवाब में उन्होंने यह हथकंडा अपनाया। मेरी मां ने जीवन भर काफी हिंसा, प्रताड़ना का सामना किया। वह परिवार के कारण चुप रह गयीं। अब हम उनकी (पिता) इस हरकत के खिलाफ बोलने लगे तो उन्होंने भी हमें बदनाम करना शुरू कर दिया।'
कौन है शेहला रशीद
शेहला 2015-16 में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (JNUSU) की उपाध्यक्ष थीं और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) की सदस्य थीं। शेहला तब चर्चा में आईं जब फरवरी 2016 में जेएनयू कैंपस में देश विरोधी नारे लगे और कन्हैया कुमार और उमर खालिद को गिरफ्तार किया गया था। शेहला इस दौरान उनकी रिहाई के लिए बढ़-चढ़कर आगे आईं थी और सरकार के खिलाफ मोर्चा संभाला था।
बाद में शेहला कश्मीर में चली गईं और वहां की राजनीति करने लगीं। शेहला जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (JKPM) में शामिल हुईं, जो एक राजनीतिक पार्टी थी, जिसे पूर्व IAS अधिकारी शाह फैसल द्वारा शुरू किया गया थी। हालांकि वो बाद में उससे अलग हो गईं।
विवादों से जुड़ा रहा नाम
शेहला का नाम कई बार विवादों से भी जुड़ा। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय छात्र संघ (AMUSU) ने फरवरी 2017 में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में इस्लाम के पैगंबर मुहम्मद के बारे में आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया।
फरवरी 2019 में देहरादून पुलिस ने 16 फरवरी 2019 को पोस्ट किए गए एक ट्वीट के लिए शेहला राशिद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। शेहला ने लिखा था, 'देहरादून के एक छात्रावास में 15-20 कश्मीरी लड़कियां घंटों फंसी रहीं। बाहर भीड़ उनके खून के लिए प्यासी है। पुलिस मौजूद है लेकिन भीड़ को तितर-बितर करने में असमर्थ है।' पुलिस ने उनके आरोप को अफवाह बताते हुए खारिज कर दिया। एफआईआर भी दर्ज की गई।
अगस्त 2019 में शेहला राशिद ने ट्वीट किया कि भारतीय सेना कश्मीरियों पर अत्याचार कर रही है। इस आरोप को सेना ने निराधार बताते हुए खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के वकील आलोक श्रीवास्तव ने राजद्रोह के आरोप के तहत शिकायत दर्ज की और शेहला राशिद के खिलाफ उनके आरोपों पर आपराधिक कार्रवाई की मांग की।