- यूपी में कोरोना के अब तक 28 मामले, लखनऊ, गौतमबुद्धनगर और आगरा में सबसे ज्यादा 8 मरीज
- सरकार की तरफ से घोषित राहत पैकेज पर अमल शुरू, निराश्रितों के लिए आगे आई योगी सरकार
- ऐहतियात के तौर अब 27 मार्च तक पूरे प्रदेश में रहेगा लॉकडाउन
लखनऊ। देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में कोरोना के कुल 29 मामले सामने आए हैं। गौतमबुद्धनगर में 8, लखनऊ में 8 और आगरा में आठ मामलों की पुष्टि हुई है। कोरोना से निपटने के लिए यूपी सरकार की तरफ से कुछ अहम कदम उठाए गए हैं। एक तरफ तो सरकार कुछ निषेधात्मक उपायों पर काम कर ही है तो दूसरी तरफ आम लोगों को खासतौर से वो लोग दैनिक वेतनभोगी हैं या श्रमिक हैं उनके लिए जो कुछ खास ऐलान किये गए थे उन पर मंगलवार से अमल शुरु हो गया है।
यूपी सरकार के उठाए कदमों पर खास नजर
यूपी सरकार ने जानकारी दी है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना वायरस के दुष्प्रभाव के चलते बंद व्यावसायिक व आर्थिक गतिविधियों के परिप्रेक्ष्य में दैनिक रूप से कार्य करके परिवार का जीवनयापन करने वाले बहन-भाइयों के सहायतार्थ बैंक खाते में धनराशि हस्तांतरित की।यूपी सरका ने जिलाधिकारियों को अधिकृत किया है कि जो लोग इस सुविधा से वंचित रह गए हैं, किसी योजना से आच्छादित नहीं हैं या कमाने का जरिया नहीं है व आय के स्रोत बंद हो चुके हैं, उन्हें शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में चिन्हित कर, जनपद स्तर पर ₹1000 की व्यवस्था की जाए। और इसके लिए प्रत्येक जनपद को पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराई की गई है।
कोरोना से लड़ने के लिए सभी विभाग मिलकर करें काम
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वो आशा करते हैं कि सभी संबंधित विभाग समयबद्ध ढंग से तात्कालिक रूप से जरूरतमंदों तक इस व्यवस्था को पहुंचाने की दिशा में कार्य करेंगे। यही नहीं उन्होंने इलाहाबाद बैंक के महाप्रबंधक व उनके सभी कर्मचारियों, अधिकारियों को भी हृदय से धन्यवाद दिया जो तत्परता के साथ डी.बी.टी. के माध्यम से इस भत्ते को श्रमिकों तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।
गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों पर योगी सरकार की खास नजर
सीएम ने यह भी कहा कि वो श्रम विभाग को निर्माण श्रमिकों के पोषण हेतु भरण-पोषण भत्ता तत्काल रूप से जारी करने के लिए हृदय से धन्यवाद देता हैं। समाज कल्याण विभाग द्वारा अंत्योदय कार्ड धारक, निराश्रित वृद्धावस्था पेंशन, दिव्यांगजन पेंशन, निर्माण श्रमिकों व प्रतिदिन कमाई करने वालों के लिए 1 महीने के राशन, 20 किलो चावल, 15 किलो गेहूं उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है।
यूपी सरकार का कहना है कि नगर विकास विभाग को इस बात के लिए अधिकृत किया गया है कि प्रतिदिन कार्य करने वाले मजदूरों-रेहड़ी, ठेला, खोमचा लगाने वाले, रिक्शा, ई-रिक्शा चलाने वाले व पल्लेदार आदि के लिए भी ₹1000 की पहली किश्त के भुगतान किए जाने की व्यवस्था करें औक इस दिशा में श्रम विभाग आज 20 लाख से अधिक निर्माण श्रमिकों को ₹1000 की पहली किश्त जारी की गई।