- कुलदीप बिश्नोई के साथ उनकी पत्नी और पूर्व विधायक रेणुका बिश्नोई भी भाजपा में शामिल हो गईं।
- कुलदीप काफी समय से कांग्रेस नेतृत्व से नाराज चल रहे थे।
- 2009 में कांग्रेस छोड़कर हरियाणा जनहित कांग्रेस पार्टी का गठन किया था।
Kuldedp Bishnoi Join BJP: आखिकार पूर्व कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई ने भाजपा का दामन थामिल लिया है। हरियाणा से चार बार विधायक और दो बार सांसद रहे पूर्व कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्नोई ने बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए। बिश्नोई के साथ उनकी पत्नी और पूर्व विधायक रेणुका बिश्नोई भी भाजपा में शामिल हो गईं। बिश्नोई ने दिल्ली केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, पार्टी महासचिव अरुण सिंह, राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी और प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।
बिना किसी शर्त भाजपा में शामिल हुए !
भाजपा में शामिल होने पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बिश्नोई दंपती का भाजपा में स्वागत करते हुए कहा कि कुलदीप बिश्नोई से वह लगातार संपर्क बनाए हुए थे और उन्होंने राज्यसभा चुनाव में भाजपा का सहयोग किया।उन्होंने दावा किया कि बिश्नोई बिना किसी शर्त के भाजपा में शामिल हुए हैं। बिश्नोई ने कांग्रेस से दूसरी बार अपना नाता तोड़ा है।
कांग्रेस से इस बात पर थे नाराज
कुलदीप काफी समय से कांग्रेस नेतृत्व से नाराज चल रहे थे। और उसी का नतीजा था का राज्य सभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन के खिलाफ वोट दिया, जिस कारण अजय माकन की हार हो गई। असल में कांग्रेस की तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा के इस्तीफा देने के बाद कुलदीप प्रदेश अध्यक्ष बनना चाहते थे। लेकिन हुड्डा और कुलदीप की लड़ाई में आलाकमान ने उदयभान को कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया। इसके अलावा आलाकमान ने भी उन्हें कोई तवज्जो नही दी। जिसके बाद उनकी नाराजगी और बढ़ गई।
भाजपा के साथ कर चुके हैं गठबंधन
जब कुलदीप बिश्नोई ने 2009 में कांग्रेस छोड़कर हरियाणा जनहित कांग्रेस पार्टी का गठन किया था। तो चुनाव में पार्टी के 7 विधायक जीते, लेकिन उसके तुर बाद पार्टी के 5 विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए। इसके बाद उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा। बाद में विधानसभा चुनाव में सीटों का बंटवारे पर सहमति नहीं बनने पर भाजपा के साथ गठबंधन टूट गया और कुलदीप ने अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया था।