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लखीमपुर हिंसा: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- पूर्व जज की निगरानी में हो SIT की जांच, यूपी सरकार सहमत

Lakhimpur Kheri Violence
Updated Nov 15, 2021 | 15:43 IST

Lakhimpur Kheri Violence case: उत्तर प्रदेश सरकार ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच की निगरानी के लिए राज्य के बाहर से पूर्व न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए सहमति व्यक्त की है।

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लखीमपुर हिंसा

Lakhimpur Violence: लखीमपुर हिंसा मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्व न्यायाधीश द्वारा प्रतिदिन के आधार पर राज्य की एसआईटी द्वारा की जा रही लखीमपुर हिंसा मामले की जांच की निगरानी कराए जाने के सुप्रीम कोर्ट के सुझाव पर सहमति व्यक्त की है। शीर्ष अदालत ने कहा कि लखीमपुर हिंसा मामले में उत्तर प्रदेश एसआईटी जांच की प्रतिदिन आधार पर निगरानी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश के नामों पर विचार करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर मामले की जांच के लिए एसआईटी में शामिल करने के वास्ते उन आईपीएस अधिकारियों के नाम मांगे जो उत्तर प्रदेश कैडर के हैं लेकिन राज्य के मूल निवासी नहीं हैं। कोर्ट ने मंगलवार तक आईपीएस अधिकारियों के नाम मांगे हैं। मामले की जांच की निगरानी करने वाले जज के नाम की घोषणा करने के लिए मामले की सुनवाई बुधवार को तय की गई है। 

वहीं उत्तर प्रदेश सरकार ने जांच की निगरानी पूर्व न्यायाधीश से कराने पर सहमति व्यक्त की और कहा कि न्यायाधीश किस राज्य से है, यह बात कोई मुद्दा नहीं होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने पहले जस्टिस राकेश कुमार जैन, रंजीत सिंह के नाम सुझाए थे। कोर्ट ने राज्य से कुछ और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को भी एसआईटी में शामिल करने को कहा है।

पिछले महीने 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान एक एसयूवी द्वारा चार किसानों को कुचल दिया गया था। इसके बाद हुई हिंसा में चार और लोगों की मौत हुई थी। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा मामले में मुख्य आरोपी हैं।  

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