- आयशा सुल्ताना के खिलाफ देशद्रोह के मामले के विरोध में भाजपा नेताओं ने दिया इस्तीफा
- केंद्र शासित प्रदेश में बीजेपी को हाल ही में ये दूसरा बड़ा झटका है
- प्रशासक प्रफुल खोड़ा के फैसलों के विरोध में आठ भाजपा नेताओं ने मई में पार्टी से इस्तीफा दे दिया था
नई दिल्ली: फिल्म निर्माता आयशा सुल्ताना के खिलाफ देशद्रोह के मामले को 'झूठा और अनुचित' बताते हुए महासचिव अब्दुल हमीद मुलिपुझा के नेतृत्व में लक्षद्वीप में कई भाजपा नेताओं ने पार्टी से अपना इस्तीफा दे दिया है। लक्षद्वीप भाजपा के अध्यक्ष अब्दुल खादर की शिकायत के बाद लक्षद्वीप पुलिस ने आयशा सुल्ताना पर राजद्रोह का मामला दर्ज किया था। शिकायतकर्ता ने दावा किया था कि सुल्ताना ने एक टीवी बहस के दौरान केंद्र शासित प्रदेश में कोविड-19 के प्रसार के बारे में झूठी खबर फैलाई।
अब्दुल खादर को लिखे पत्र में पार्टी नेताओं ने कहा कि ऐसे समय में जब लक्षद्वीप में भाजपा कार्यकर्ता प्रशासक प्रफुल्ल पटेल की 'अलोकतांत्रिक कार्रवाई' का विरोध कर रहे हैं आपने सुल्ताना के खिलाफ एक झूठी और अनुचित शिकायत दर्ज कराई है और उसके परिवार और उसके भविष्य को बर्बाद कर रहे हैं। पत्र में आगे कहा गया है कि पटेल द्वारा की गई कार्रवाई जन विरोधी, लोकतंत्र विरोधी और लोगों के बीच अत्यधिक पीड़ा पैदा करने वाली थी।
पत्र में कहा गया है, 'आप यह भी जानते हैं कि लक्षद्वीप के कई भाजपा नेता पहले ही प्रशासक और जिला कलेक्टर के विभिन्न गलत कामों पर बोल चुके हैं। ठीक उसी तरह जैसे चेतलाट निवासी आयशा सुल्ताना ने भी मीडिया में अपनी राय साझा की।' 'टाइम्स ऑफ इंडिया' की एक रिपोर्ट के अनुसार, इससे पहले मई में कम से कम आठ भाजपा नेताओं ने पटेल के कार्यों के विरोध में पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।
आयशा सुल्ताना के खिलाफ मामला क्यों दर्ज हुआ?
आयशा सुल्ताना केंद्र सरकार और लक्षद्वीप प्रशासक प्रफुल्ल पटेल की कटु आलोचक रही हैं। एक मलयालम चैनल पर बहस के दौरान उन्होंने कथित तौर पर कहा कि केंद्र ने लक्षद्वीप में कोविड-19 को 'जैव हथियार' के रूप में इस्तेमाल किया। लक्षद्वीप में कोविड-19 के 0 मामले थे। अब यहां हर दिन 100 मामले आ रहे हैं। केंद्र ने जो तैनात किया है वह एक जैव-हथियार है। मैं यह स्पष्ट रूप से कह सकती हूं कि केंद्र सरकार ने जैव-हथियार तैनात किया है। पार्टी कार्यकर्ताओं के हंगामे के बाद भाजपा की लक्षद्वीप इकाई के अध्यक्ष अब्दुल खादर ने बुधवार को कावारत्ती पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। अपनी शिकायत में भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि सुल्ताना का कार्य राष्ट्र-विरोधी था, जिसने केंद्र सरकार की देशभक्ति छवि को धूमिल किया।
'मेरी आवाज अब से तेज़ होने वाली है'
अपने खिलाफ दर्ज देशद्रोह के मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए सुल्ताना ने एक फेसबुक पोस्ट लिखकर कहा, 'एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। हालांकि, जीत केवल सत्य की होगी। शिकायत दर्ज कराने वाले भाजपा नेता लक्षद्वीप से हैं। जैसे-जैसे वह अपनी मातृभूमि के साथ विश्वासघात करते रहेंगे, मैं इसके लिए लड़ना जारी रखूंगी। कल विश्वासघात करने वालों को अलग-थलग कर दिया जाएगा।' उन्होंने लिखा, 'लक्षद्वीप के लोगों के लिए: समुद्र आपकी रक्षा करता है और आप समुद्र की रक्षा करते हैं। विश्वासघात करने वालों में डर है लेकिन हम में नहीं है। कमजोर होने पर मैंने चुप रहने के लिए आवाज नहीं उठाई। मेरी आवाज अब से तेज़ होने वाली है।'