Lal Bahadur Shastri Jayanti 2020 Quotes, Interesting Facts: देश 2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती मनाता है। सन 1904 में आज ही के दिन पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का भी जन्म हुआ था। लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 02 अक्टूबर, 1904 को यूपी में वाराणसी के रामनगर में हुआ था। पिता के असामयिक निधन के कारण उनका पालनपोषण ननिहाल में हुआ था।
उनकी सादगी और विनम्रता के लोग कायल थे। 1965 के भारत पाक युद्ध के दौरान दिया गया ‘जय जवान जय किसान’ का उनका नारा आज के परिप्रेक्ष्य में भी सटीक और सार्थक है। ये देश के दूसरे प्रधानमंत्री रहे। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती मनाए जाने के क्रम में शास्त्री अक्सर भुला दिए जाते हैं, पर आजाद भारत में योगदान को भुला पाना संभव नहीं है।
लाल बहादुर शास्त्री ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के निधन के बाद 1964 में दूसरे पीएम के तौर पर यह जिम्मेदारी संभाली थी। ताशकंद में 1966 में निधन से पहले तक उन्होंने देश के दूसरे प्रधानमंत्री के तौर पर अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वाह किया। अपने छोटे से कार्यकाल के दौरान उन्होंने देश को कई संकटों से उबारा। साफ-सुथरी छवि और उच्च नैतिक मूल्यों के कारण वह विपक्षी पार्टियों में भी सम्मान के पात्र रहे।
देश का खोया आत्मसम्मान लौटाया
लाल बहादुर शास्त्री ने ऐसे वक्त में देश की सत्ता संभाली थी, जब 1962 के युद्ध में चीन से हारने के बाद राष्ट्र का मनोबल टूटा हुआ था, पर अपने कुशल नेतृत्व से वह देश का वह खोया हुआ आत्मविश्वास वापस लाने में कामयाब रहे, जिससे भारत-चीन युद्ध के 3 साल बाद ही पाकिस्तान के खिलाफ 1965 में हुए युद्ध में भारत बड़ी जीत हासिल करने में कामयाब रहा।
जय जवान जय किसान का दिया नारा
लाल बहादुर शास्त्री 1964 में देश के दूसरे प्रधानमंत्री बने थे। यह वह दौर था जब देश खाने की चीजें बड़ी मात्रा में आयात करता था। 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध और उस दौर में पड़े भयंकर सूखे ने भी यहां खाद्यान्न संकट को बढ़ाया। ऐसे में उन्होंने देशवासियों से महीने में एक दिन का उपवास रखने की सलाह दी। इसी के तहत उन्होंने 'जय जवान जय किसान' का नारा भी दिया था।
इस कारण अपनी मासिक पेंशन करवा ली थी कम
लाल बहादुर शास्त्री जरूरतमंदों की मदद को लेकर हमेशा तत्पर रहा करते थे। बताया जाता है कि स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान जब वह जेल में बंद थे, उनकी पत्नी को 50 रुपये मासिक पेंशन मिला करता था। उनकी पत्नी ने जब उन्हें बताया कि वह महीने में 10 रुपये बचा लेती हैं तो शास्त्री इससे बेहद नाराज हो गए और पीपुल्स सोसाइटी के सेवकों से उनका मासिक पेंशन घटाने और 10 रुपये किसी जरूरतमंद को देने के लिए कह दिया।
शास्त्री जी के अनमोल कथन/ Lal Bahadur Shastri Quotes
''जो शासन करते हैं उन्हें देखना चाहिए कि लोग प्रशासन पर किस तरह प्रतिक्रिया करते हैं. अंतत: जनता ही मुखिया होती है.''
''देश की तरक्की के लिए हमे आपस में लड़ने के बजाये गरीबी, बीमारी और अज्ञानता से लड़ना होगा''
''हम खुद के के लिए ही नही बल्कि पूरे विश्व की शांति, विकास और कल्याण में विश्वास रखते हैं।''
''यदि कोई भी व्यक्ति हमारे देश में अछूत कहा जाता है तो भारत को अपना सर शर्म से झुकाना पड़ेगा।'
''कानून का सम्मान किया जाना चाहिए ताकि हमारे लोकतंत्र की बुनियादी संरचना बरक़रार रहे और हमारा लोकतंत्र भी मजबूत बने।''
''देश के प्रति निष्ठा सभी निष्ठाओं से पहले आती है और यह पूर्ण निष्ठा है क्योंकि इसमें कोई प्रतीक्षा नहीं कर सकता कि बदले में उसे क्या मिलता है।''
''जब स्वतंत्रता और अखंडता खतरे में हो, तो पूरी शक्ति से उस चुनौती का मुकाबला करना ही एकमात्र कर्त्तव्य होता है। हमें एक साथ मिलकर किसी भी प्रकार के अपेक्षित बलिदान के लिए दृढ़तापूर्वक तत्पर रहना है।''
''यदि हम लगातार लड़ते रहेगे तो हमारी ही जनता को लगातार भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा, हमे लड़ने के बजाय गरीबी, बीमारी और अशिक्षा से लड़ना चाहिए।''