- शैक्षणिक संस्थानों को खोलने का फैसला जुलाई में लिया जाएगा।
- सभी स्टेकहोल्डर्स को बातचीचत करने का दिया गया सुझाव
- स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की तरफ से जारी की जाएगी एसओपी
नई दिल्ली। 31 मई को लॉकडाउन का चौथा चरण समाप्त हो रहा है। हर किसी को इंतजार था कि केंद्र सरकार इस दिशा में किस तरह से फैसला लेती है। गृहमंत्रालय की तरफ से 1 जून से लेकर 30 जून तक के लिए गाइडलाइन जारी की गई है। लेकिन खास बात यह है कि इसे लॉकडाउन 5 की जगह अनलॉक 1 नाम दिया गया है। इसके तहत तीन चरणों में फैसले लिए जाएंगे। यहां पर हम फेज 2 की बात कर रहे हैं जो जुलाई के महीने में सबके सामने आएगा।
फेज 2 में स्कूलों के खोले जाने के बारे में होगा फैसला
फेज 2 में स्कूल, कॉलेज, एजुकेशनल संस्थान, ट्रेनिंग और काोचिंग संस्थानों को खोले जाने का फैसला राज्य सरकारों की सहमति के बाद किया जाएगा। राज्य और केंद्र शासित प्रदेश को सलाह दी गई है कि वो इस संबंध में संस्थाओं,अभिभावकों और दूसरे स्टेकहोल्डर्स से बातचीत करें। उनके सुझावों के आधार पर इन संस्थाओं के खोले जाने के बारे में फैसला जुलाई में लिया जाएगा। इसके लिए विस्तृत गाइडलाइंस स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय जारी करेगा।
अनलॉक 1 को तीन चरणों में बांटा गया
शैक्षणिक संस्थाओं को खोले जाने के संदर्भ में इस तरह की खबरें आ रही थी कि हो सकता है कि उच्च संस्थानों के बारे में केंद्र सरकार कोई फैसला करें। लेकिन अनलॉक 1 को मोटे मोटे तीन चरणों में बांटा गया है। इसकी खासियत यह है कि कंटेनमेंट जोन को छोड़कर पूरे देश को 24 मार्च से पहले वाली अवस्था में लाए जाने की कोशिश की जा रही है। सरकार का मानना है कि अभी की जो तस्वीर है उसमें शैक्षणिक संस्थाओं को खोलने का फैसला उचित नहीं होगा।
राज्य सरकारों ने दिए थे संकेत
अगर अनलॉक 1 को देखें तो एक बात साफ है कि सरकार ने आर्थिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने का फैसला किया है। ज्यादातर राज्य सरकारों का मत रहा कि जब तक कोरोना संक्रमण का सामना करने के लिए वैक्सीन नहीं बन जाती है इसका मुकाबला ऐहतियात के साथ ही किया जा सकता है। जनता को अब धीरे धीरे यह समझाने की जरूरत है कि इस दिक्कत के साथ ही आगे बढ़ने पर अब बल देना चाहिए।