- लॉकडाउन जारी रहे या हटे इस संबंध में दिल्ली की जनता से सीएम अरविंद केजरीवाल ने मांगे सुझाव
- delhicm.suggestions @gmail.com इस मेल पर भी लोग दे सकते हैं सुझाव
- 1031 नंबर के साथ साथ 8800007722 पर ह्वाटसएप की सुविधा
नई दिल्ली। इस समय एक बड़ा सवाल है कि क्या देश में 17 मई के बाद लॉकडाउन लागू रहेगा या अब हटा देना चाहिए। इस संबंध में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार आम जनता से सुझाव चाहती है और लोग कल शाम पांच बजे तक जनता के सुझाव मांगे हैं। ढील कितनी और किन-किन क्षेत्रों में मिलनी चाहिए। लोगों बताएं कि ढील कितनी दी जानी चाहिए। हम विशेषज्ञों से बात करके अपना प्रस्ताव बुधवार को केंद्र सरकार को भेज देंगे। 1031 नंबर पर लोग अपने सुझाव की ऑडियो फाइल भेज सकते हैं। इस नंबर पर 8800007722 पर ह्वाटसएप भी लोग कर सकते हैं।
दिल्ली के सीएम ने मांगा सुझाव
अरविंद केजरीवाल ने सोमवार की पीएम नरेंद्र मोदी से संवाद का हवाला दिया। केजरीवाल ने पीएम का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने खूद पूछा कि सभी राज्य 17 मई के बाद क्या चाहते हैं। चूंकि सभी राज्यों के विचार अलग अलग हैं इसलिए केंद्र सरकार ने 14 मई का वक्त दिया ताकि सभी लोग अपने अपने सुझाव दे सकें। सभी के सुझावों का अध्ययन करने के बाद केंद्रीकृत फैसला किया जाएगा। इसलिए वो चाहते हैं कि दिल्ली की जनता खुद बताए कि क्या होना चाहिये। किन किन इलाकों में दुकानें खुलनी चाहिए। सार्वजवनिक परिवहन की व्यवस्था किस तरह होनी चाहिए। क्या मेट्रो को चलाया जाना चाहिए।
लॉकडाउन के मुद्दे पर राज्यों के सुर अलग अलग
उन्होंने कहा कि जब वो इस तरह की अपील कर रहे हैं तो इसका अर्थ यह नहीं है कि वो किसी तरह के मतदान की बात कर रहे हैं। वो चाहते हैं कि दिल्ली की जनता भी लॉकडाउन के फैसले में भागीदार बने। इससे सरकार को आगे की रणनीति बनाने में मदद मिलेगी। कोरोना की साझी चुनौती का सामना हम सबको मिलकर ही करना है। यहां बता दें कि जब लॉकडाउन तीन के बारे में फैसला लिया गया तो उसके लिए जिलों को रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में बांटा गया। दिल्ली के सभी 11 जिलों को रे़ड जोन में बांटा गया था। लेकिन केजरीवाल को इस बात पर आपत्ति थी। इसके लिए उन्होंने सुझाव दिया था कि जिन भी जिलों में कंटेनमेंट इलाके हैं वहां पर किसी तरह की आर्थिक गतिविधि को इजाजत नहीं मिलनी चाहिए। लेकिन पूरे जिले को बंद कर देना उचित नहीं होगा।