नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि कोरोना वायरस से लड़ने में सोशल डिस्टेंसिंग ही रामबाण है। और इसे ही बनाए रखने के लिए देश में 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की गई। स्वास्थ्य मंत्रालय भी लगातार इस बात पर जोर दे रहा है कि भारत में सही समय पर लॉकडाउन और सामाजिक दूरी का पालन करने से कोरोना के मामले बहुत तेजी से नहीं बढ़ रहे हैं।
शनिवार को भी स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने लॉकडाउन के महत्व की बात करते हुए एक आंकड़ा पेश किया, जो चौंकाने वाला है। उन्होंने कहा, 'कोविड 19 से लड़ने के लिए लॉकडाउन और रोकथाम के उपाय महत्वपूर्ण हैं। अगर हमने कोई उपाय नहीं किया होता तो इस समय हमारे सामने 8 लाख मामले आ सकते थे।'
उन्होंने बताया, 'देश में कोविड-19 से अति प्रभावित क्षेत्रों की पहचान के लिए सरकार ने पहले ही जरूरी कदम उठाए। यदि लॉकडाउन लागू नहीं किया जाता तो कोविड-19 के मामले 41 फीसद बढ़ जाते, फलस्वरूप 15 अप्रैल तक 8.2 लाख मामले सामने आते।'
लव अग्रवाल ने बताया कि देशभर में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के मामलों में 1035 की वृद्धि हुई और 40 मरीजों की मौत हो गई। अभी तक कोरोना के कुल मामले 7447 हैं, जिसमें से 642 ठीक हो गए हैं, और 239 की मौत हो गई है।
राज्यों की मांग- बढ़े लॉकडाउन
इस बीच खबर है कि केंद्र सरकार राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को 14 अप्रैल के बाद दो सप्ताह के लिए बढ़ाने के ज्यादातर राज्यों के अनुरोध पर विचार कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस संकट के कारण उत्पन्न स्थिति पर शनिवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग से चर्चा की, जिसमें ज्यादातर राज्यों ने लॉकडाउन दो सप्ताह तक बढ़ाने का आग्रह किया।
लॉकडाउन का होगा विस्तार!
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने बैठक ने बाद कहा कि PM ने हमें कहा कि हमें लॉकडाउन पर समझौता नहीं करना चाहिए और अगले 15 दिनों के लिए इसे बढ़ाने के सुझाव मिल रहे हैं। PM ने कहा अगले 1-2 दिनों में भारत सरकार अगले 15 दिनों के लिए दिशा-निर्देशों की घोषणा करेगी। वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, 'पीएम ने लॉकडाउन का विस्तार करने का सही फैसला लिया है। आज, भारत की स्थिति कई विकसित देशों की तुलना में बेहतर है क्योंकि हमने लॉकडाउन की शुरुआत की थी। अगर इसे अभी रोक दिया जाता है, तो सभी लाभ खो देंगे। इसलिए इसे आगे बढ़ाना जरूरी था।'