- 20 अप्रैल से यूपी, महाराष्ट्र, केरल, मध्य प्रदेश, बंगाल में काम करने की इजाजत
- दिल्ली में रियायत नहीं, कोरोना के ज्यादा केस वाले इलाकों में भी राहत नहीं
- जहां पर काम करने की दी गई है इजाजत, वहां ऐहतियात बरतने के खास निर्देश
नई दिल्ली। कोरोना संक्रमित लोगों की बात करें तो अब यह संख्या 17 हजार को पार कर चुकी है। पिछले 24 घंटे में 1500 से ज्यादा मामले सामने आए। इन सबके बीच दो बड़ी खबर यह है कि देश के आधे जिलों में कोरोना पांव नहीं पसार पाया और अलग अलग राज्यों में जमीनी हालात के आधार पर लॉकडाउन पार्ट 2 में छूट दिया है। लेकिन कुछ राज्यों या इलाकों में सख्ती कायम है। बता दें कि लॉकडाउन पार्ट-2 को 3 मई तक बढ़ाया गया है।
दिल्ली
यहां पर किसी तरह की छूट नहीं दी गई है। बता दें कि कंटेनमेंट जोन की संख्या अब 70 के पार है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि यह बात सच है कि आर्थिक गतिविधि जरूरी है।लेकिन वो लोगों को स्वास्थ्य की कीमत पर नहीं शुरू की जा सकती है।
महाराष्ट्र और मुंबई
अगर बात देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की करें तो यहां पर किसी तरह की रियायत नहीं है। यहां पहले की ही तरह पाबंदिया लगी रहेंगी। लेकिन राज्य के दूसरे हिस्सों में कुछ शर्तों के साथ कामकाज की इजाजत है, खासतौर से कृषि कार्यों में राहत दी गई है। लेकिन लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा।
उत्तर प्रदेश
देश के सबसे बड़े सूबों में से एक यूपी में भी कुछ शर्तों के साथ 11 उद्योगों में रियायत दी गई है। कृषि कार्य में काम चालू करने की इजाजत है। लेकिन गौतमबुद्धनगर और गाजियाबाद में आर्थिक गतिविधियों को इजाजत नहीं मिलेगी।सरकारी दफ्तरों में अधिकतम 33 फीसदी स्टाफ उपस्थित रहने की छूट. इन्हें रोटेशनल आधार पर ड्यूटी पर बुलाया जाएगा। उत्तर प्रदेश में सभी अदालतें 27 अप्रैल तक बंद रहेंगी। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस वे का दफ्तर भी 33 फीसदी स्टाफ के साथ काम होगा।
मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश में कोरोना केस 1500 के पार हैं। लिहाजा यहां सरकार भोपाल, इंदौर और उज्जैन में पूरी तरह से लॉकडाउन लागू रहेगा। 26 जिलों में कुछ हदतक सरकारी दफ्तर,औद्योगिक गतिविधियों की इजाजत दी गई है। जिन जिलों के कस्बे या थाना क्षेत्र में कोरोना का केस है वहां किसी तरह की छूट नहीं होगी। स्कूल, कॉलेज, मॉल, रेस्तरां, सिनेमा हॉल पूरे प्रदेश में पहले की ही तरह बंद रहेंगे।
इन सभी राज्यों में लोगों की प्रतिक्रियाएं करीब करीब एक जैसी है। लोगों का कहना है कि घरों से निकल काम पर जाना अच्छा लग रहा है। सरकार की तरफ से जो दिशानिर्देश जारी किये गए हैं उसका पालन करना भी जरूरी है। यह बात सच है कि हम एक बड़े संकट का सामना कर रहे हैं अब जब कि इस वायरस से निपटने के लिए किसी वैक्सीन की खोज नहीं हुई है तो हमें दिशानिर्देशों का पालन करना ही होगा।