- टिड्डियों के झुंड से विमानों को उड़ान भरते और उतरते वक्त खतरा हो सकता है
- डीजीसीए ने इसी को देखते हुए दिशा-निर्देश जारी किए हैं
- पिछले 20 सालों में टिड्डी दल का यह पहला बड़ा हमला है
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के विभिन्न शहरों में एक सप्ताह तक घूमने के बाद टिड्डियों का झुंड अब बाया झांसी उत्तर प्रदेश चला गया है। झांसी पहुंचने से पहले टिड्डियों के झुंड ने मध्य प्रदेश के एक दर्जन से अधिक शहरों में अराजकता पैदा की। इसने कुछ शहरों में फसलों को भी नुकसान पहुंचाया है।
विभिन्न जिलों के स्थानीय प्रशासन कैमिकल का छिड़काव करके इन टिड्डियों को फसलों से दूर भगाने की कोशिश कर रहे हैं। प्रशासन ने कीटनाशक का छिड़काव करके लाखों टिड्डों को मार डाला। ये किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे थे। जो बच गए वे दूसरी जगहों की ओर भाग गए। अब वे अंततः यूपी में चले गए।
शिवपुरी जिले के कृषि अधिकारी सीएस ठाकुर ने कहा, 'हमने टिड्डियों के हमले को रोकने के लिए रात में फसलों पर कीटनाशक का छिड़काव किया। शुक्र है कि कीट फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान नहीं पहुंचा सके। हमने किसानों को टिड्डियों के हमले से नुकसान को रोकने के लिए विभिन्न कीटनाशकों का उपयोग करने की सलाह दी है।'
बचाव के लिए जारी किए निर्देश
देश के कई हिस्से टिड्डी दलों के हमले का सामना कर रहे हैं। दिल्ली और एनसीआर के कई इलाकों में भी टिड्डियों के हमले की आशंका जताई जा रही है, जिसके मद्देनजर प्रशासन ने कई कदम उठाए हैं। खेतों में खड़ी फसलों को टिड्डियों से होने वाले नुकसान के मद्देनजर अधिकारियों ने कीटनाशकों के छिड़काव के निर्देश दिए हैं। टिड्डी दलों के हमलों से बचाव के लिए किसानों को जागरूक करने पर भी खासा जोर दिया जा रहा है। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि थोड़ा जागरूक होकर टिड्डियों के हमले से फसल को बचाया जा सकता है।
पाकिस्तान से भारत आया टिड्डियों का दल
टिड्डी दलों के हमलों ने राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के किसानों को खूब परेशान किया है। राजस्थान में टिड्डियों ने बड़े पैमाने और फसलों एवं सब्जियों का नुकसान किया है। जयपुर में इनके दल पर नजर रखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया। पाकिस्तान की तरफ से भारत में दाखिल हुए इन टिड्डियों के प्रकोप पर गंभीर चिंता जताई जा रही है। कृषि से जुड़े जानकारों का कहना है कि इस समस्या पर यदि शीघ्र काबू नहीं पाया गया तो आने वाले समय में समस्या खड़ी हो सकती है। बताया जा रहा है कि ये टिड्डी दल ईरान से पाकिस्तान और फिर भारत में दाखिल हुए हैं।