- सबसे पहले 5 सांसदों ने लोकसभा में पशुपति कुमार पारस को अपना नेता चुना
- इसके बाद पारस गुट ने चिराग पासवान को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाया
- चिराग पासवान ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक कर सभी सांसदों को पार्टी से निकाला
नई दिल्ली: लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में घमासान तेज हो गया है। एक तरफ खबर आई है कि चिराग पासवान को लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। उनकी जगह सूरजभान सिंह को पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। पार्टी ने उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए चुनाव कराने का भी प्रभार दिया है। वहीं दूसरी तरफ चिराग पासवान ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की है। इस बैठक में बगावत करने वाले सभी 5 सांसदों को बाहर कर दिया गया है।
लोजपा नेता राजू तिवारी ने कहा, 'राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई और सभी 5 सांसदों को पार्टी से हटाने का फैसला किया गया।' यह पूछे जाने पर कि क्या चिराग पासवान को धोखा दिया गया तो उन्होंने कहा कि एक पार्टी में चीजों को करने की एक प्रक्रिया होती है। इसे विश्वासघात कहा जाएगा।
इससे पहले अपने चाचा पशुपति कुमार पारस द्वारा लोकसभा में लोजपा के नेता पद से हटाए जाने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में चिराग पासवान ने एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने अपने पिता रामविलास पासवान द्वारा बनाई गई पार्टी और अपने परिवार को एक साथ रखने के प्रयास किये, लेकिन असफल रहे। लोकतंत्र में लोग सर्वोच्च हैं, और उन्होंने पार्टी में विश्वास रखने वालों को धन्यवाद दिया। उन्होंने 29 मार्च को अपने चाचा पारस को लिखे गए एक पत्र को भी साझा किया, जिसमें उन्होंने उन्हें पार्टी अध्यक्ष बनाये जाने सहित कई मुद्दों पर अपने चाचा की नाखुशी को उजागर किया था।