- 'सिख फॉर जस्टिस' ने फ्लाईओवर पर पीएम मोदी के काफिले को रोकने की जिम्मेदारी ली
- एसएफजे ने सुप्रीम कोर्ट के वकीलों को फोन कर धमकी दी है, केस न लड़ने की धमकी
- सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षा चूक कीं जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित करने का फैसला किया है
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा चूक पर चौंकाने वाली बात सामने आई है। पीएम की सुरक्षा चूक पर जहां सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है वहीं, लंदन स्थित 'सिख फॉर जस्टिस' (SFJ) ने फोन कर सुप्रीम कोर्ट के वकीलों धमकी दी है। एसएफजे ने दावा किया है कि हुसैनीवाला फ्लाईओवर पर उसी ने पांच जनवरी को अवरोध पैदा किया था जिसमें प्रधानमंत्री का काफिला फंसा। इस संगठन ने धमकी देते हुए वकीलों से कहा है कि वे शीर्ष अदालत में इस इस केस को न लड़ें। SFJ लंदन के नंबर से वकीलों को फोन कर उन्हें धमकी दे रहा है। भारत में एसएफजे प्रतिबंधित है। एसएफजे का दावा है कि उसी ने लोगों को फ्लाईओवर तक पहुंचाया था। एसएफजे का यह दावा यदि सही है तो पीएम मोदी की सुरक्षा को लेकर यह एक बड़ा खतरा है।
वकीलों ने सेक्रेटरी जनरल से शिकायत की
एफएफजे की ओर से 40 से 50 वकीलों को कॉल किया गया है। पंजाब सरकार की दलील है कि पीएम मोदी की सुरक्षा को कोई खतरा नहीं था लेकिन प्रतिबंधित संगठन का दावा पंजाब सरकार के तर्कों पर सवाल खड़े कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट के वकील राहुल कौशिक ने उन्हें धमकी भरा फोन आने की शिकायत की है। वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल से शिकायत की है।
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क्या है 'सिख फॉर जस्टिस'
'सिख फॉर जस्टिस' एक अलगाववादी संगठन है। भारत सरकार ने इसे प्रतिबंधित किया है। इस संगठन को साल 2007 में बनाया गया। अमेरिका से संचालित होने वाला यह संगठन भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त है। यह संगठन पंजाब में खालिस्तान बनाने की मांग करता है। इसके पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) से तार जुड़े हैं। इसका मुखिया गुरपतवंत सिंह पन्नू है। एसएफज अलगाववादी एजेंडे के तहत काम करता है।
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समिति करेगी सुरक्षा चूक की जांच
इस बीच, पीएम मोदी की सुरक्षा चूक पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना, जस्टिस सूर्य कांत एवं जस्टिस हिमा कोहली की अगुवाई वाली शीर्ष अदालत की पीठ ने सुरक्षा चूक मामले की जांच के लिए उच्च स्तरीय जांच कराने का फैसला किया है। फिलहाल, मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है। कोर्ट ने कहा है कि वह जल्द ही इस मामले में अपना फैसला सुनाएगा।