- मध्य प्रदेश में सीएम कमलनाथ की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं
- बीजेपी ने राज्यपाल से विधानसभा का सत्र बुलाकर शक्ति परीक्षण और इसका वीडियोग्राफी कराने की मांग की
- हालांकि मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ का कहना है कि उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं है
भोपाल : मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले ही 22 विधायकों के इस्तीफे के कारण अल्पमत में आई कमलनाथ सरकार के खिलाफ बीजेपी ने खुलकर सियासी घेराबंदी शुरू कर दी है। बीजेपी के एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात कर उनसे 16 मार्च से पहले राज्य विधानसभा का सत्र बुलाने की मांग की है।
शक्ति परीक्षण की मांग
बीजेपी ने विधानसभा का सत्र बुलाकर कलनाथ सरकार के शक्ति परीक्षण और इसकी वीडियोग्राफी कराने की मांग भी की। बीजेपी की ओर से यह मांग ऐसे समय में आई है, जबकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ बीजेपी में जाने के बाद से उनके बड़ी संख्या में उनके समर्थकों ने भी इस्तीफा दे दिया। हालांकि इसके बावजूद सीएम कमलनाथ का कहना है कि उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं है।
राज्यपाल लाल जी टंडन से मिलने वाले बीजेपी नेताओं में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अतिरिक्त गोपाल भार्गव, नरोत्तम मिश्रा और भूपेंद्र सिंह शामिल रहे। उन्होंने राज्यपाल को एक पत्र सौंपकर विधानसभा का सत्र बुलाने और शक्ति परीक्षण की मांग की।
अल्पमत में कमलनाथ सरकार
यहां उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 10 मार्च को कांग्रेस का हाथ छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया था, जिसके बाद राज्य में सियासी समीकरण बदल गए हैं। सिंधिया के इस्तीफे के बाद कांग्रेस के 22 विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस के ये विधायक पहले से ही कर्नाटक में बेंगलुरु के एक रिजॉर्ट में डेरा डाले हुए थे। अब विधानसभा अध्यक्ष एनसी प्रजापति ने उन्हें नोटिस जारी कर 15 मार्च तक पेश होने के लिए कहा है।
सरकार पर संकट के बीच कांग्रेस ने अपने बाकी विधायकों को जयपुर भेज दिया है। 22 विधायकों के अल्पमत में आ जाने के बावजूद सीएम कमलनाथ का दावा है कि उनकी सरकार को कोई संकट नहीं है। उन्होंन बीजेपी पर कांग्रेस विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप भी लगाया। उन्होंने आगामी विधानसभा सत्र के दौरान बहुमत परीक्षण के लिए तैयार रहने की बात कही है। लेकिन बीजेपी 16 मार्च से पहले ही बहुमत परीक्षण कराने की मांग कर रही है।
सिंधिया ने राज्यसभा के लिए भरा पर्चा
यहां उल्लेखीय है कि कांग्रेस का दामन छोड़ बीजेपी में शामिल हुए सिंधिया को पार्टी ने राज्यसभा के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है। उन्होंने बुधवार को राज्यसभा के लिए नामांकन-पत्र भी दाखिल कर दिया। वहीं, कांग्रेस ने पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को मध्य प्रदेश से राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है।