- ऑक्सीजन के संकट के चलते सात रातों तक सो नहीं सका था: मुख्यमंत्री
- कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हुआ था ऑक्सीजन का संकट
- राज्य सरकार ने हर रोज करीब 80,000 लोगों की जांच का फैसला किया है: शिवराज सिंह चौहान
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को कहा कि उन्हें उस समय 7 रातों तक नींद नहीं आई, जब राज्य को कोरोनो वायरस महामारी की दूसरी लहर के चरम के दौरान ऑक्सीजन की गंभीर कमी का सामना करना पड़ा। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा, 'मुझे आज यह बताने में कोई झिझक नहीं है कि जब राज्य को ऑक्सीजन की कमी का सामना करना पड़ा था, तब मैं सात रातों तक नहीं सोया था।'
मुख्यमंत्री ने कहा, 'उस समय लगातार खबरें आती थीं कि फलां अस्पताल में 30 मिनट में ऑक्सीजन खत्म हो जाएगी। हमने ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए कड़ी मेहनत की। मैं ऑक्सीजन टैंकर के ड्राइवर से बात करके पता करता था कि वह कहां पहुंचा है।'
'महाराष्ट्र से आने-जाने वाले लोगों पर नजर रखी जाए'
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में सुधार कर रही है और संभावित तीसरी लहर से लड़ने के लिए टीके की कमी को समाप्त करने के लिए काम कर रही है। लोगों को समझना चाहिए कि महामारी खत्म नहीं हुई है।
उन्होंने कहा कि राज्य में प्रतिदिन लगभग 80000 लोगों का परीक्षण किया जा रहा है। चौहान ने यह भी कहा कि अधिकारियों को पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र से आने-जाने वाले लोगों पर नजर रखनी चाहिए, जहां अपेक्षाकृत बड़ी संख्या में मामले सामने आ रहे हैं।
कोरोना की स्थिति में हुआ सुधार
मध्य प्रदेश में शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 49 नए मामले सामने आए और इसके साथ ही प्रदेश में अभी तक संक्रमित हुए लोगों की संख्या बढ़कर 7,89,936 पहुंच गई है। राज्य में पिछले 24 घंटों में इस बीमारी से और 12 लोगों की मौत हुई है। प्रदेश में अब तक इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 9,001 हो गई है। प्रदेश के 52 जिलों में से 35 जिलों में पिछले 24 घंटों में एक भी नया कोरोना संक्रमित व्यक्ति नहीं पाया गया। प्रदेश के 12 जिलों में वर्तमान में कोविड का एक भी मरीज नहीं है।