- विधायकों की बगावत के बाद से ही मध्य प्रदेश में तेजी से घट रहे हैं सियासी घटनाक्रम
- मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ का दावा है कि उनके पास जरूरी नंबर है
- फ्लोर टेस्ट की मांग वाली शिवराज सिंह चौहान की याचिका पर 17 मार्च को ही सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
भोपाल: मध्य प्रदेश में जारी राजनीतिक संकट के फिलहाल टलने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी सरकार के पास पर्याप्त संख्याबल हैं इसलिए उन्हें फ्लोर टेस्ट की जरूरत नहीं है। सोमवार को एक बार फिर राज्यपाल ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को खत लिखकर 17 मार्च को बहुमत साबित करने को कहा जिसके बाद सीएम ने एक बार फिर राज्यपाल से मुलाकात की।
फ्लोर टेस्ट को तैयार नहीं कमलनाथ
राज्यपाल से मुलाकात के बाद भी वहीं सीएम कमलनाथ फ्लोर टेस्ट कराने को तैयार नहीं दिख रहे हैं जिससे राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच टकराव की स्थिति देखने को मिल रही है। मंगलवार को ही इस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई भी करने वाला है। कमलनाथ ने कहा, 'मैंने राज्यपाल से मुलाकात की औऱ मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम पर चर्चा हुई। मैंने कहा हम संविधान के दायरे में रहकर हर काम करने के लिए तैयार हैं लेकिन हम इस दायरे को तोड़ नहीं सकते हैं।'
राज्यपाल से की मुलाकात
राज्यपाल से मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए कमलनाथ ने कहा, 'आज मैंने उनको भी बताया। आज के दिन हमारी सरकार के पास बहुमत है और हमने बीते महीनों में यह सिद्ध किया है। अगर कोई यह कहता है कि हमारी बहुमत नहीं है तो अविश्वास प्रस्ताव ले आए, मुझे क्यों फ्लोर टेस्ट कराना है। फ्लोर टेस्ट तो वो करेगा और उसका फैसला नियमानुसार होगा।'
जिन्हें दिक्कत है वो लाएं अविश्वास प्रस्ताव
कमलनाथ ने एक बार फिर दोहराते हुए कहा, 'मेरी जब आज बहुमत की सरकार है और आप कहते हैं कि नहीं है, अगर नहीं है तो आप कृपा करके अविश्वास प्रस्ताव ले आइए। जो आज ये लाए हैं और फ्लोर टेस्ट हो जाएगा। 16 लोगों को इन्होंने बंधक बना रखा है उन्हें क्या परेशानी है। आप सबके सामने ये 16 लोग भोपाल आएं, मीडिया के सामने आएं, विधानसभा के सामने आएं और अपनी बात बताएं।'
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार को राज्य विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने का निर्देश देने के लिये पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान की याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। चौहान ने अपनी याचिका में कहा है कि कमलनाथ सरकार के पास सत्ता में बने रहने का ‘कोई नैतिक, कानूनी, लोकतांत्रिक और संवैधानिक अधिकार’ नहीं रह गया है। इस याचिका पर न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की पीठ मंगलवार को सुनवाई करेगी।