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अंग्रेज अफसर की बेटी और आदिवासी युवक की मोहब्बत का वह स्मारक, जहां नए साल में इसलिए जुटेंगे कई सैलानी

Updated Dec 31, 2021 | 16:19 IST

झारखंड के रांची में एक ऐसी जगह है जो सैलानियों के बीच काफी फेमस है। नेतरहाट के मैग्नोलिया प्वाइंट से सूर्योदय और सूर्यास्त देखना एक यादगार अनुभव होता है।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
अंग्रेज अफसर की बेटी और आदिवासी युवक की मोहब्बत का एक स्मारक
मुख्य बातें
  • झारखंड के नेतरहाट सैलानियों के लिए है काफी आकर्षक जगह
  • नए साल का जश्न माने काफी संख्या में आते हैं यहा टूरिस्ट, सूर्यास्त और सूर्योदय देखने के लिए जुटती है भीड़
  • यहां आदिवासी युवक तथा अंग्रेज अफसर की बेटी की लव स्टोरी है काफी फेमस

रांची: 2021 का सूरज 31 दिसंबर की शाम जब आखिरी बार डूबेगा और 1 जनवरी को 2022 को जब सूरज की पहली किरण फूटेगी, तब नेतरहाट में इन क्षणों का गवाह बनने के लिए बड़ी संख्या में सैलानी इकट्ठा रहेंगे। दरअसल पहाड़ों की रानी के नाम से मशहूर नेतरहाट के मैग्नोलिया प्वाइंट से सूर्योदय और सूर्यास्त को देखना खुद में एक रोमांचकारी अनुभव है। साल दर साल यहां सैलानियों की तादाद बढ़ रही है। कोविड के बढ़ते मामलों के बावजूद इस बार भी यहां सैकड़ों सैलानी पहुंचे हैं। हालांकि जिला प्रशासन ने सैलानियों के लिए कोविड प्रोटोकॉल अनिवार्य रूप से पालन का निर्देश जारी किया है।

अनूठी थी कहानी

नेतरहाट के मैग्नोलिया प्वाइंट का आकर्षण इस जगह से जुड़ी मोहब्बत की एक अनूठी कहानी की वजह से भी है। समुद्र तल से 3761 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस जगह पर एक आदिवासी लड़के और एक अंग्रेज लड़की की मूर्ति है, जिन्हें देखकर वर्षों से सुनायी जा रही इन दोनों की प्रेम कहानी बार-बार जीवंत हो उठती है। कहते हैं कि ब्रिटिश हुकूमत के दौर में एक अंग्रेज गवर्नर और उसका परिवार नेतरहाट के प्राकृतिक सौंदर्य के आकर्षण से बार-बार यहां आता था। इस परिवार ने यहां अपना एक आवास भी बना लिया था। अंग्रेज गवर्नर की बेटी थी मैग्नोलिया। वह यहां एक आदिवासी चरवाहे के बांसुरी वादन पर मुग्ध होकर उसे अपना दिल दे बैठी थी।

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जब परवान चढ़ी मोहब्बत

 दोनों की मोहब्बत परवान चढ़ी और इसकी खबर अंग्रेज गवर्नर को लगी तो उसने अपनी बेटी को उससे दूर रहने की नसीहत दी। इसके बावजूद वह नहीं मानी तो अंग्रेज अफसर ने आदिवासी चरवाहे की हत्या करवाकर उसकी लाश घाटी में फिंकवा दी। कहते हैं कि इस घटना से आहत मैग्नोलिया घोड़े पर सवार उस जगह पर पहुंची, जहां विशाल चट्टान पर बैठकर उसका प्रेमी रोज बांसुरी बजाया करता था और फिर इसी जगह से उसने खाई में कूदकर जान दे दी। इसी जगह को मैग्नोलिया प्वाइंट के नाम से जाना जाता है और अब यहां सूर्यास्त और सूर्योदय देखने के लिए लोग बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।

साल भर शानदार रहता है मौसम

रांची से लगभग 150 किमी दूर लातेहार जिले में स्थित नेतरहाट का मौसम सालों भर खुशनुमा रहता है। इसे लोग छोटानागपुर की रानी के नाम से जानते हैं। वरिष्ठ पत्रकार शहरोज कमर कहते हैं कि नेतरहाट में मैग्नोलिया की मोहब्बत की कहानी का सच क्या है, इसका कहीं लिखित प्रमाण नहीं मिलता, लेकिन इतना जरूर है कि नदियों, झरनों और पहाड़ों से घिरा पूरा इलाका इतना खूबसूरत है कि सैलानियों को इस जगह से मोहब्बत जरूर हो जाती है।

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ये स्कूल भी है फेमस

 नेतरहाट का आवासीय विद्यालय राष्ट्रीय स्तर पर मशहूर है। यहां से शिक्षा पा चुके हजारों छात्रों ने देश- विदेश के विभिन्न क्षेत्रों में शीर्ष पदों पर सेवाएं दी हैं। अब तक यहां के तकरीबन तीन हजार छात्र आईएएस-आईपीएस और सिविल सर्विस की अन्य सेवाओं के लिए चुने गये हैं। महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण और सीबीआई के पूर्व डायरेक्टर डॉ त्रिनाथ मिश्र और डॉ राकेश अस्थाना भी नेतरहाट स्कूल के छात्र रहे हैं। नेतरहाट का शैले हाउसकाष्ठ कला का बेहतरीन नमूना है। बहरहाल, यहां के अनुपम प्राकृतिक सौंदर्य के बीच नये साल के स्वागत के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग जुटे हैं। यहां के तमाम होटल और गेस्ट हाउस पूरी तरह फुल हैं।

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