मुंबई: विनायक दामोदर सावरकर के सम्मान में राज्य सरकार द्वारा प्रस्ताव पेश करने की भारतीय जनता पार्टी (BJP) की मांग को महाराष्ट्र के दोनों सदनों में समर्थन नहीं मिला। विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले ने भाजपा की मांग को खारिज कर दिया। जबकि विधान परिषद में भी डिप्टी चेयरपर्सन नीलम गोरे ने बीजेपी की मांग पर गौर नहीं किया। जब बीजेपी के एक नेता इस बारे में बोलने के लिए खड़े हुए तो उन्होंने सदन को स्थगित कर दिया।
विधानसभा में बोलते हुए विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने मांग की कि सरकार सावरकर की पुण्यतिथि पर उनके बलिदान और स्वतंत्रता संग्राम में योगदान के लिए प्रस्ताव पेश करे।
इस पर उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 20 अगस्त 2018 और 17 जनवरी 2019 में पत्र लिख कर सावरकर को भारत रत्न देने की केंद्र से अपील की थी। मुझे आश्चर्य है कि इस काम में देरी क्यों हुई जबकि केंद्र और राज्य दोनों में भाजपा सत्ता में थी। मोदी पांच साल से ज्यादा वक्त से प्रधानमंत्री हैं, वहीं फडणवीस पिछले पांच साल राज्य में शासन कर चुके हैं। आज की तरह, सावरकर की पुण्यतिथि हर वर्ष होती है।
फडणवीस ने शिवसेना को कहा लाचार
विधानसभाध्यक्ष द्वारा सावरकर के सम्मान में एक सरकारी प्रस्ताव की भाजपा की मांग खारिज किए जाने के फडणवीस ने शिवसेना पर सीधे निशाना साधा और उसे सत्ता के लिए लाचार करार दिया। फडणवीस ने कहा कि भाजपा सावरकर को स्वातंत्रयवीर नहीं एक माफीवीर बताने को लेकर कांग्रेस की पत्रिका शिदोरी पर रोक भी चाहती है। पत्रिका में आपत्तिजनक सामग्री प्रकाशित की गई है जिसमें कहा गया है कि सावरकर को बलात्कार के लिए दंडित किया गया था। इससे पहले फडणवीस ने निचले सदन में पत्रिका की प्रति फाड़ दी थी।
फडणवीस ने प्रस्ताव खारिज होने के बाद विधानमंडल इमारत के बाहर संवाददाताओं से कहा, 'दुर्भाग्य से, मैंने इससे पहले ऐसी लाचार शिवसेना नहीं देखी।' फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र सावरकर का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा और भाजपा जनता के बीच इस मुद्दे को उठाएगी। उन्होंने और भाजपा के एक अन्य वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार ने सावरकर की तस्वीर उठाई।