मुंबई : महाराष्ट्र में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में उछाल के बीच चिंता बढ़ती जा रही है। संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सरकार ने पहले ही नाइट कर्फ्यू घोषित किया है और कई अन्य पाबंदियों का भी उल्लेख किया है। इसके बावजूद यहां संक्रमण के मामलों में कमी देखने को नहीं मिल रही है। बढ़ती चिंताओं के बीच महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बुधवार को कहा कि यहां जल्द ही कड़े प्रतिबंधों का फैसला लिया जा सकता है।
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, 'राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने की आशंका है। दिल्ली में प्रतिबन्ध लगाए गए हैं। महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री, टास्क फोर्स और हेल्थ डिपार्टमेंट मिलकर कड़े प्रतिबंध लगाने पर आनेवाले दिनों में निर्णय लेंगे।' लोगों से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि इनका पालन बहुत जरूरी है। किसी भी तरह की ढिलाई बड़ी परेशानी का कारण बन सकती है। इसलिए सभी को कोविड नियमों का पालन करना ही होगा।
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बढ़ते मामलों ने बढ़ाई चिंता
महाराष्ट्र में हर दिन कोविड-19 के दोगुने होते आंकड़ों के बीच चिंता बढ़ रही है। यहां रोजाना लगभग 51 हजार टेस्ट किए जा रहे हैं। कोविड के मामलों में उछाल के बीच पहले ही होटल, मॉल सहित विभिन्न सार्वजनिक स्थलों पर पाबंदियों की घोषणा की गई है। नियमों का पालन नहीं होने पर इन पाबंदियों को और बढ़ाया जा सकता है। इस मसले पर टास्क फोर्स के साथ हुई बैठक में भी बढ़ते कोविड केस पर चिंता जताई गई।
हालात की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में जल्द बैठक होगी, जिसमें पाबंदियों पर चर्चा होगी और उसमें कड़े फैसले लिए जा सकते हैं। राज्य में वैक्सीनेशन की बात करें तो यह आंकड़ा 13 करोड़ को पार कर चुका है। इनमें 57 प्रतिशत ऐसे हैं, जिन्हें वैक्सीन की सेकेंड डोज भी लग चुकी है। स्वास्थ्य मंत्री ने उन लोगों से वैक्सीन लगवाने की अपील की है, जिन्होंने अब तक कोविड रोधी टीका नहीं लगवाया है।
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कैसी है वैक्सीनेशन की तैयारी?
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ओमिक्रोन को लेकर जो प्रोटोकॉल है, इसके हिसाब से काम चल रहा है। जहां इसके सबसे अधिक मामले हैं, वहां से आने वाले यात्रियों की जांच की जा रही है। जहां तक 15 से 18 साल के बच्चों को वेक्सीन देने का सवाल है तो महाराष्ट्र सरकार इसके लिए तैयार है। इन्हें सिर्फ कोवैक्सीन देना है। अगर हो सके तो स्कूल जाकर भी बच्चों को वैक्सीन दिया जा सकेगा, ताकि बच्चों का जल्द से जल्द टीकाकरण हो।