नई दिल्ली: श्रीनगर के हैदरपोरा (Hyderpora Encounter) में 15 नवंबर की शाम को हुए एनकाउंटर की जांच कर रही विशेष जांच टीम (SIT) ने सुरक्षा बलों को क्लीन चिट दे दी है।विशेष टीम ने कहा है कि, एनकाउंटर में जो आम आदमी मारा गया था उसे पाकिस्तानी आतंकियों ने मारा था जबकि मकान मालिक और आतंकवादी सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गये थे।
दल ने बताया की हैदरपोरा एनकाउंटर में मकान मालिक अल्ताफ भट्ट को आतंकी ह्यूमन शील्ड (ढाल) की तरह इस्तेमाल कर रहे थे, जांच दल ने पूरे मामले पर कहा कि भागने के क्रम में आतंकियों ने मकान मालिक अल्ताफ भट्ट को मानवीय ढाल बनाकर इस्तेमाल कर रहे थे, इस बीच काउंटर फायरिंग में उसकी मौत हो गई।
एसआईटी के प्रमुख उपमहानिरीक्षक (DIG) सुजीत के सिंह ने कहा कि अगर आने वाले वक्त में इस मुठभेड़ से जुड़े कोई भी सबूत सामने आते हैं तो यह दल अपने निष्कर्ष पर पुनर्विचार करने को तैयार है। कांग्रेस पार्टी ने भी इसको लेकर सवाल उठाए हैं।
वहीं इस मामले पर महबूबा ने ट्वीट किया कि हैदरपोरा एनकाउंटर में सशस्त्र बलों को एसआईटी की क्लीन चिट हैरान नहीं करती है।
उधर पुलिस का कहना था कि ये दोनों नागरिक आतंकवादी संगठनों के 'ओवरग्राउंड वर्कर्स' थे जो कि क्रासफायर में मारे गए। पीड़ित परिजनों ने इसे 'हत्या' करार दिया है। परिजनों का दावा है कि उनका आतंकवाद से कोई लेना-देना नहीं है। पुलिस ने परिवारवालों की गैर-मौजूदगी में हैदरपोरा से करीब 70 किलोमीटर दूर हंदवाड़ा में भट्ट और गुल के दोनों के शव दफना दिए। पुलिस ने ऐसा करने के पीछे 'कानून एव व्यवस्था' का हवाला दिया।
इस मामले पर एलजी सिन्हा ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि इस मामले में किसी के साथ नाइंसाफी न होने पाए। उन्होंने कहा, 'हैदरपुरा एनकाउंटर की न्यायिक जांच होगी और इसकी जांच एडीएम रैंक के अधिकारी करेंगे। यह जांच तय समय में पूरी होगी। एक बार रिपोर्ट मिलने के बाद प्रशासन उचित कार्रवाई करेगा। जम्मू-कश्मीर प्रशासन निर्दोष नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी के साथ नाइंसाफी न होने पाए।'