नई दिल्ली : कांग्रेक के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जन खड़गे राज्यसभा में विपक्ष के नेता होंगे। कांग्रेस ने विपक्ष के नेता के रूप में उनका नाम राज्यसभा के सभापति को सौंप दिया है। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद का कार्यकाल 15 फरवरी को पूरा होने के बाद राज्यसभा में नेता विपक्ष का पद रिक्त हो जाएगा। नेता प्रतिपक्ष के लिए कांग्रेस की तरफ से कई नाम दौड़ में थे लेकिन सूत्रों का कहना है कि मल्लिकार्जुन के नाम पर कांग्रेस में सहमति बनी। नेता प्रतिपक्ष की रेस में कांग्रेस की ओर से आनंद शर्मा, पी. चिदंबरम और दिग्विजय सिंह भी थे।
15 फरवरी को पूरा हो रहा है आजाद का कार्यकाल
राज्यसभा में आजाद का कार्यकाल 15 फरवरी को पूरा हो रहा है। सूत्रों का कहना कि नेता प्रतिपक्ष पद पर कांग्रेस ऐसे नेता को नियुक्त करना चाहती है जो विपक्ष के सभी दलों और पार्टी के सभी नेताओं को साथ लेकर चल सके। सूत्रों का कहना है कि खड़गे राहुल गांधी के करीबी माना जाते हैं और लोकसभा में पार्टी के नेता के रूप में उनके पास अच्छा-खास अनुभव है। इसके चलते वह राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष के लिए पार्टी की पसंद बने हैं।
आनंद शर्मा का दावा इसलिए हुआ कमजोर
सूत्रों का कहना है कि आनंद शर्मा कांग्रेस नेतृत्व से नाखुशी जाहिर करने वाले 23 नेताओं के उस समूह में शामिल हैं जिन्होंने पार्टी नेतृत्व के बारे में बदलाव करने के लिए कुछ महीनों पहले पत्र लिखा था। शर्मा राज्यसभा में पार्टी के उप नेता हैं लेकिन उनके इस रुख के चलते उनका दावा कमजोर हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजाद की विदाई भाषण के समय कहा कि कांग्रेस को अपने इस नेता की विरासत का विकल्प ढूंढने में मुश्किल होगी।