- पीएम मोदी ने कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों के 54 जिलों के डीएम के साथ बैठक की
- बैठक में सभी सीएम को पुतले की तरह से बिठाकर रखा गया- ममता बनर्जी
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कोविड की मौजूदा स्थिति तथा टीकाकरण की रणनीति को लेकर 10 राज्यों के जिला अधिकारियों के साथ बैठक की। वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से छत्तीसगढ़, हरियाणा, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा, पुडुचेरी, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और आंध्रप्रदेश के जिला अधिकारियों और जमीनी स्तर पर काम करने वाले अधिकारियों से बातचीत के दौरान उन्होंने संवाद किया। बैठक में बंगाल का कोई डीएम शामिल नहीं हुआ लेकिन सीएम ममता बनर्जी ने बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए पीएम मोदी पर गंभीर आरोप लगाए।
पीएम पर किया हमला
ममता बनर्जी ने कहा, 'यदि राज्यों को बोलने की अनुमति नहीं थी तो उन्हें क्यों बुलाया गया। बोलने की अनुमति नहीं दिए जाने को लेकर सभी मुख्यमंत्रियों को विरोध करना चाहिए। हालांकि बंगाल में टीकाकरण की दर कम है, हमारी पॉजिटिविटी रेट घट रही है। मृत्यु दर 0.9% है। पीएम मोदी ने ऑक्सिजन और ब्लैक फंगस की समस्या को लेकर कुछ भी नहीं पूछा। पीएम ने वैक्सीन के बारे में भी हमसे कुछ नहीं पूछा। राज्य में ब्लैक फंगस के 4 मामले सामने आए हैं।'
ममता बनर्जी ने कहा कि बैठक के दौरान मुख्यमंत्रियों को पुतले की तरह बैठा कर रखा गया और किसी को बोलने का मौका नहीं दिया गया। ममता ने आरोप लगाते हुए है कि हमको वैक्सीन की डिमांड रखनी थी लेकिन बोलने का मौका नहीं मिला।
पीएम बोले- धूर्त है वायरस
इससे पहले पीएम मोदी ने जिला अधिकारियों से बात करते हुए कहा, ‘महामारी से लड़ाई के हमारे तौर-तरीकों में निरंतर बदलाव, निरंतर नवोन्मेष बहुत ज़रूरी है। ये वायरस अपना स्वरूप बदलने में माहिर है। या कहें कि यह बहुरूपिया तो है ही, धूर्त भी है। इसलिए इससे निपटने के हमारे तरीके और हमारी रणनीति भी विशेष होनी चाहिए। टीकाकरण की रणनीति में भी हर स्तर पर राज्यों और अनेक पक्षों से मिलने वाले सुझावों को शामिल करके आगे बढ़ाया जा रहा है।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते कुछ समय से देश में विभिन्न अस्पतालों में उपचाररत मरीजों की संख्या कम होने लगी है लेकिन जब तक ये संक्रमण छोटे स्तर पर भी मौजूद है, तब तक चुनौती बनी रहती है। प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि जिस तरह से वह जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं, इससे इस चिंता को गंभीर होने से रोकने में मदद मिली है लेकिन इसके बावजूद सभी को आगे के लिए तैयार रहना ही होगा।