- नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों में मारे गए लोगों के नाम पर राजनीति हुए तेज
- मंगलौर हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को ममता बनर्जी ने पांच-पांच लाख रुपये देने का किया ऐलान
- ममता ने कोलकाता में आयोजित कार्यक्रम के दौरान छात्रों से की प्रदर्शन जारी रखने की अपील
कोलकाता: नागरिकता कानून के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों को लेकर राजनीति तेज हो गई है। इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान ऐलान किया है कि वो मंगलौर में नागरिकता कानून के विरोध में आयोजित हुए प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा देंगी।
ममता बनर्जी ने भाजपा को ‘आग से नहीं खेलने’ की सलाह देते कहा कि जब तक संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को वापस नहीं लिया जाता, तब तक शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी रहेंगे। ममता बनर्जी ने छात्रों से प्रदर्शन जारी रखने की अपील करते हुए कहा कि वह हमेशा उनके समर्थन में रहेंगी।
दरअसल कुछ दिन पहले कर्नाटक के मंगलौर में नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे। इन प्रदर्शनों में दो लोगों की मौत हो गई थी जिसे लेकर कर्नाटक में काफी बवाल हुआ था और राज्य के येदियुरप्पा सरकार पर सवाल उठे थे। राज्य सरकार ने इस घटना के जांच के आदेश भी दिए हैं। दरअसल नागरिकता कानून के खिलाफ 19 दिसंबर को मंगलौर में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे और पुलिस की कथित फायरिंग में दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई।
आपको बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब हिंसक प्रदर्शनों में मारे गए लोगों को लेकर राजनीति हो रही है। इससे पहले दिल्ली से आम आदमी पार्टी के विधायक और दिल्ली वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अमानतुल्ला खान ने ऐलान किया था कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ हिंसक प्रदर्शनों के दौरान मारे गए लोगों के परिवार को दिल्ली वक्फ बोर्ड 5.5-5.5 लाख रुपये की वत्तीय मदद देगा।