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लॉकडाउन तोड़ रिश्तेदार के घर से वापस आई मां, तो बेटे ने गांव में एंट्री देने से किया इंकार, लौटाया वापस

Updated Apr 16, 2020 | 16:58 IST

लॉकडाउन के दौरान जहां देश के कई जगहों पर नियमों को तोड़ने का सिलसिला जारी है वहीं कुछ ऐसे उदाहरण भी सामने आ रहे हैं जो दूसरों के लिए मिसाल हैं।

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लॉकडाउन:रिश्तेदार के घर से वापस आई मां, बेटे ने उठाया ये कदम
मुख्य बातें
  • पूरे देश में कोरोना को रोकने के लिए दूसरे चरण का लॉकडाउन चालू है
  • तेलंगाना में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां एक बेटे ने मां को गांव में नहीं दी घुसने की इजाजत
  • दरअसल बेटे की मां लॉकडाउन तोड़कर रिश्तेदार के घर से घर आना चाह रही थी

हैदराबाद: ऐसे समय में जब कुछ लोग लॉकडाउन नियमों की अनदेखी कर रहे हैं और कोरोनोवायरस महामारी के खतरे के बावजूद अपने घरों से बाहर निकल रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ तेलंगाना में एक सरपंच ने लोगों के सामने एक मिसाल पेश की है। सरपंच ने अनिवार्य लॉकडाउन का पालन करने के लिए मजबूर करने का एक ऐसा आदर्श उदाहरण पेश किया है जिसकी हर तरफ तारीफ हो रही है।

मां ने किया था लॉकडाउन का उल्लंघन

 तेलंगाना के संगारेड्डी जिले में सिरगापूर मंडल के गोइसाइपल्ली गांव के सरपंच ने इतना सख्त रवैया अपनाया कि उन्होंने अपनी मां को तक गांव में नहीं घुसने दिया। उन्होंने बताया कि उनकी मां तुलसम्मा एक रिश्तेदार के यहां गई थीं और जब वह गांव वापस आईं तो उन्हें प्रवेश द्वार पर ही रोक दिया गया क्योंकि वह लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करते हुए गांव में आई थी। सरपंच बेटे ने उन्हें वापस रिश्तेदार के यहां जाने को कहा औऱ गांव में प्रवेश की इजाजत नहीं दी। काफी देर इंतजार करने के बाद भी जब बेटा नहीं माना तो मां को झुकना पड़ा और मजबूर होकर अपने रिश्तेदार के वहां लौट गईं। 

गांव वाले कर रहे हैं चौकीदारी

 टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, साई गौड़ नाम के सरपंच ने ने अपनी मां से कहा कि नियम सभी के लिए समान हैं और उसे गांव में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। कथित तौर पर यह घटना 13 अप्रैल की है। रिपोर्ट के मुताबिक कई गाँव के सरपंच अपने गाँवों के प्रवेश द्वार पर रुके हुए हैं और तीन मई को विस्तारित लॉकडाउन समाप्त होने तक बाहर से आने वाले लोगों को गांव में नहीं घुसने दे रहे हैं।

गांवों के प्रवेश द्वार पर बैनर

खम्मम जिले केकोनिजेरला में गांव तनिकेल्ला के बाहर तो एक बड़ा बैनर टांगा गया है जिसमें लिखा गया है, 'हमारे गाँव में मत आओ और हम तुम्हारे गाँव नहीं आएंगे।'  गांव के प्रवेश द्वार बंद करने के लिए पेड़ों की बड़ी-बड़ी टहनियां काटकर डाल दी गई हैं और बकायदा लॉकडाउन नियम सुनिश्चित कराने के लिए गांव वाले 24 घंटे बारी-बारी से ड्यूटी कर रहे हैं।

आपको बता दें कि 14 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए 3 मई तक लॉकडाउन को विस्तारित करने की घोषणा की थी। इससे पहले पीएम मोदी ने 25 मार्च को प्रथम चरण के तहत 21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी।

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