- दुनियाभर में कोरोना मामलों की संख्या 20 लाख को पार कर गई है
- चीन के वुहान शहर से पैदा हुए इस वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित है यूरोप
- अमेरिका को संदेह है कि वायरस जैविक नहीं बल्कि चीनी लैब से हुआ उत्पन्न
वाशिंगटन: पूरी दुनिया में कहर बनकर टूटे कोरोना वायरस की वजह से विश्व में कुल संक्रमितों लोगों की संख्या 20 लाख को पा कर गई है जबकि 1 लाख तीस हजार के करीब लोगों की मौत हो चुकी है। चीन के वुहान से शुरू हुए इस वायरस की वजह से अकेले यूरोप में ही लगभग 87 हजार लोगों की जान चले गई है। अमेरिका में तो यह वायरस इस कदर फैला है कि वहां पिछले चौबीस घंटे में लगभग 2600 लोगों की मौत हुई है जबकि 6 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं।
चीन लैब से है कोरोना का ताल्लुक!
अमेरिकी खुफिया और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि अमेरिकी सरकार इस संभावना पर गौर कर रही है कि कोरोनवायरस कहीं और की बजाय चीनी प्रयोगशाला (लैब) से उत्पन्न हुआ था। इस मामले से पुष्ट स्रोतों के अनुसार जो जानकारी मिल रही है उसकी जांच कर निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है। अमेरिका को विश्वास नहीं है कि वायरस जैव-अनुसंधानों से जुड़ा था।
अमेरिकी खुफिया विभाग जांच में जुटा
अमेरिकी अधिकारियों ने उल्लेख किया कि खुफिया समुदाय भी वायरस की उत्पत्ति के बारे में अन्य सिद्धांतों की एक श्रृंखला की खोज कर रहा है। यह ठीक उसी तरह की जांच होगी जैसा कि आमतौर पर हाई-प्रोफाइल घटनाओं के लिए होती है। एक अमेरिकी सरकारी खुफिया अधिकारी ने कहा कि जांच में जो बाद सामने निकलकर आ रही है उसके मुताबिक यह वायरस वुहान, चीन में एक प्रयोगशाला में उत्पन्न हुआ था, और गलती से लोगों के बीच फैल गया। सीएनएन के मुताबिक अभी इस बात की पुष्टि अमेरिकी अधिकारी नहीं कर पाए हैं।
वायरस के वास्तविक कारण शायद ही पता चले
लेकिन किन कुछ खुफिया अधिकारियों का कहना है कि यह भी संभव है कि वास्तविक कारणों का कभी पता ही नहीं चल पाएगा। ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष मार्क मिले ने इस सप्ताह स्वीकार किया था कि अमेरिकी खुफिया इस बात पर बारीकी से नजर बनाए हुए है कि कही ये वायरस लैब में पैदा हुआ था या नहीं।
ट्रंप लगा चुके हैं आरोप
कोरोना वायरस को वुहान की एक प्रयोगशाला में आनुवंशिक रूप से तैयार किए जाने का आरोप लगाते हुए इस जानलेवा विषाणु के संक्रमण से उबरे एक भारतीय-अमेरिकी ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से इस वायरस के कारण हजारों लोगों की मौत और अमेरिकी अर्थव्यवस्था को नुकसान होने के एवज में चीन से मुआवजा मांगने का अनुरोध किया। भारतीय-अमेरिकी अटॉर्नी रवि बत्रा ने राष्ट्रपति को लिखे एक पत्र में कहा, ‘कोरोना वायरस के कारण दुनियाभर में मौत का जो सिलसिला शुरू हुआ है और जो पीड़ा हो रही है वह पर्ल हार्बर की घटना से भी अधिक भयावह है।’