नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता मनोज सिन्हा जम्मू-कश्मीर के नए लेफ्टिनेंट गवर्नर होंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जीसी मुर्मू का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। मुर्मू ने बुधवार को एलजी पद से इस्तीफा दे दिया। चर्चा है कि सरकार मुर्मू को अगली नियंत्रक एवं महालेख परीक्षक (सीएजी) बनाना चाहती है। सीएजी राजीव महर्षि इस पद से रिटायर होने वाले हैं ऐसे में इस पद पर तैनाती होनी जरूरी है क्योंकि सीएजी का पद संवैधानिक है और इसे रिक्त नहीं छोड़ा जा सकता। महर्षि 8 अगस्त को 65 साल के होने जा रहे हैं, ऐसे में सरकार इस पद पर नियुक्ति जल्दी करना चाहती है।
मुर्मू 1985 बैच के गुजरात गैडर के ऑफिसर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उस समय मुर्मू उनके साथ काम कर चुके हैं। नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद मुर्मू वित्त मंत्रालय से जुड़े। मुर्मू गत 30 नवंबर को रिटायर होने वाले थे लेकिन उससे पहले सरकार ने उनकी तैनाती जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल के रूप में कर दी।
गत पांच अगस्त 2019 के अपने ऐतिहासिक फैसले में सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म करते हुए उसे केंद्रशासित प्रदेश बना दिया।
वहीं, मनोज सिन्हा प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के भरोसे मंद माने जाते हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। पीएम मोदी के पहले कार्यकाल में मनोज सिन्हा के पास रेलवे के राज्यमंत्री और संचार राज्यमंत्री की जिम्मेदारी थी। सिन्हा 2017 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की रेस में भी थे।