नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा है कि 2017 और 2018 में कई युवा वीजा पर पाकिस्तान गए और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हो गए। ऐसे 57 मामले हमारे संज्ञान में आए हैं। एलओसी के रास्ते लौटे ऐसे 17 आतंकवादी मारे गए हैं और 13 अभी भी सक्रिय हैं। ऐसे 17 व्यक्ति नहीं लौटे हैं। उन्होंने कहा कि यदि युवा अध्ययन के लिए (पाकिस्तान में) जाते हैं और वहां आतंकवाद में शामिल हो जाते हैं, तो हमें निश्चित रूप से पाकिस्तान की यात्रा के लिए अध्ययन और अन्य वीजा के लिए सुरक्षा मंजूरी की प्रक्रिया को कड़ा करने की आवश्यकता है।
दिलबाग सिंह ने बताया, 'कल डोडा में आतंकवाद में शामिल होते ही तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने एक ऐसे व्यक्ति को पकड़ने के लिए एक अभियान शुरू किया है जो आतंकवादियों के संपर्क में है और कश्मीर में सक्रिय होने की तैयारी कर रहा है। जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।'
सीमा पार से घुसपैठ के बारे में पूछे जाने पर पुलिस महानिदेशक ने कहा कि बांदीपोरा में एक और राजौरी-पुंछ सेक्टर में लगभग तीन सहित तीन से चार समूहों ने हाल के दिनों में भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की है। डीजीपी सिंह ने कहा, 'बांदीपोरा में मारे गए चार आतंकवादी माछिल और गुरेज सेक्टरों से इस तरफ आ गए थे, जबकि राजौरी में हाल ही में दो आतंकवादी मारे गए थे और दो और की मौजूदगी की आशंका है।'
दिलबाग सिंह ने यह भी कहा कि पीओके से संचालित होने वाले आतंकी लॉन्च पैड भरे हुए हैं और सुरक्षा बलों ने सीमा पार घुसपैठ के किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए नियंत्रण रेखा (एलओसी) और भीतरी इलाकों में घुसपैठ रोधी ग्रिड को मजबूत किया है।