- 13 फरवरी 2020 के अपने आदेश का पालन नहीं होने पर कोर्ट ने दिखाया सख्त रुक
- उम्मीदवारों के चयन के 48 घंटे बाद उनके आपराधिक मामलों की देनी थी जानकारी
- राजनीतिक दलों को समाचार पत्रों में उम्मीदवारों के आपराधिक केस का प्रकाशन कराना था
नई दिल्ली : राजनीति में अपराध पर अंकुश लगाने के लिए अपनी तरफ से जारी आदेश का पालन न होने पर सुप्रीम कोर्ट ने आठ राजनीतिक पार्टियों को अवमानना का दोषी पाया है। कोर्ट ने जिन आठ पार्टियों को अवमानना का दोषी पाया है उनमें जनता दल-यूनाइटेड, राजद, एलजेपी, कांग्रेस, भाजपा, माकपा, एनसीपी और सीपीआई शामिल हैं। शीर्ष अदालत ने इस मामले में माकपा, राकांपा पर पांच लाख रुपए और अन्य पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने राजनीतिक दलों को अपने उम्मीदवारों पर दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी समाचारपत्रों में प्रकाशित कराने का आदेश दिया था लेकिन कोर्ट ने पाया है कि इन राजनीतिक दलों ने उसके आदेश का अनुपालन नहीं किया। कोर्ट ने 13 फरवरी 2020 को आदेश दिया था।
कम प्रसार संख्या वाले अखबारों में दी जानकारी
जद-यू, राजद, एलजेपी, भाजपा, भाकपा और कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों से आपराधिक मामलों का प्रकाशन कम प्रसार संख्या वाले समाचारपत्रों में कराया था। जबकि माकपा और राकांपा ने कोर्ट के सभी निर्देशों का पालन नहीं कर पाए। इसलिए छह पार्टियों की तुलना में उन्हें पांच गुना जर्माना चार सप्ताह के भीतर भरने के लिए कहा गया है। इस बीच, कोर्ट ने अपने आदेश में राजनीतिक दलों से अपने उम्मीदवारों के आपराधिक मामलों की जानकारी उनके चयन के 48 घंटे के भीतर देने के लिए कहा है। जस्टिस आरएफ नरीमन एवं जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने 13 फरवरी 2020 के अपने निर्देश में संशोधन भी किया।
अर्जी में बिहार विस चुनाव का दिया गया हवाला
बिहार विधानसभा चुनावों का हवाला देकर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की गई है। इस अर्जी में कहा गया है कि राजनीतिक दलों ने उम्मीदवारों के आपराधिक मामले संबंधी उसके आदेश का पालन नहीं किया। इस अर्जी पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आज इन दलों पर जुर्माना लगाया।