- गठबंधन की खबरों पर मायावती बिफरी, बोली- ऐसी खबरें महज अफवाह हैं
- मायावाती बोली- बसपा अकेली ही यूपी और उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव लड़ेगी
- मायावती ने बसपा संगठन को दुरस्त करने के लिए भी उठाए कदम
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में अगले साल होने वाले चुनाव के लिए राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी है। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी जहां छोटे-छोटे दलों को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है तो वहीं बसपा 'एकला चलो' की राह पर दिखाई दे रही है। बहुजन समाज पार्टी (BSP) की मुखिया मायावती ने रविवार को ऐलान किया कि उनकी पार्टी अगले साल होने वाले यूपी और उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में अपने दम पर अकेले चुनाव लड़ेगी।
अकेले लड़ेगी चुनाव
मायावती ने ट्वीट करते हुए कहा, 'मीडिया के एक न्यूज चैनल में कल से यह खबर प्रसारित की जा रही है कि यूपी में आगामी विधानसभा आमचुनाव औवेसी की पार्टी AIMIM व बीएसपी मिलकर लड़ेगी। यह खबर पूर्णतः गलत, भ्रामक व तथ्यहीन है। इसमें रत्तीभर भी सच्चाई नहीं है तथा बीएसपी इसका जोरदार खण्डन करती है। वैसे इस सम्बन्ध में पार्टी द्वारा फिरसे यह स्पष्ट किया जाता है कि पंजाब को छोड़कर, यूपी व उत्तराखण्ड प्रदेश में अगले वर्ष के प्रारंभ में होने वाला विधानसभा का यह आमचुनाव बीएसपी किसी भी पार्टी के साथ कोई भी गठबन्धन करके नहीं लड़ेगी अर्थात् अकेले ही लड़ेगी।'
सतीश मिश्र को बनाया मीडिया सेल का समन्वयक
मायावती ने अपने अगले ट्वीट में कहा, 'बीएसपी के बारे में इस किस्म की मनगढ़न्त व भ्रमित करने वाली खबरों को खास ध्यान में रखकर ही अब बीएसपी के राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा सांसद श्री सतीश चन्द्र मिश्र को बीएसपी मीडिया सेल का राष्ट्रीय कोओर्डिनेटर बना दिया गया है। साथ ही, मीडिया से भी यह अपील है कि वे बहुजन समाज पार्टी व पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष आदि के सम्बन्ध में इस किस्म की भ्रमित करने वाली अन्य कोई भी गलत खबर लिखने, दिखाने व छापने से पहले श्री एस.सी. मिश्र से उस सम्बंध में सही जानकारी जरूर प्राप्त कर लें।'
आपको बता दें कि पिछले साल बिहार के विधानसभा चुनाव में बसपा ने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी और एआईएमआईएम के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था जिसमें सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) भी शामिल हुई थी।