- पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की दूसरी अनौपचारिक वार्ता के बाद विदेश मंत्रालय का बयान आया है
- विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि दोनों नेताओं के बीच कुल मिलाकर 6 घंटे तक बातचीत हुई
- विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया कि पीएम मोदी व शी की वार्ता में कश्मीर का मसला नहीं उठा
चेन्नई : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तमिलनाडु के महाबलीपुरम में हुई दूसरी अनौपचारिक वार्ता के बाद विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं के बीच आज (शनिवार, 12 अक्टूबर) करीब 90 मिनट तक वन-टू-वन बातचीत हुई। इसके बाद भारत और चीन के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता भी हुई, जिसमें आपसी रिश्तों को बेहतर बनाने के लिए ऐसी अनौपचारिक बैठकों को आगे भी जारी रखने पर सहमति बनी।
पीएम मोदी की शी के साथ हुई अनौपचारिक वार्ता के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश सचिव विजय गोखले ने एक सवाल के जवाब में कहा कि इस बातचीत के दौरान कश्मीर का मुद्दा नहीं उठा। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस मसले पर भारत का रुख बिल्कुल साफ है कि यह हमारा आंतरिक मामला है।
विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया कि शी ने पीएम मोदी को अगली शिखर वार्ता के लिए चीन आमंत्रित किया है, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। हालांकि अभी इसका समय तय नहीं है। इसे बाद में तय किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश और सेवाओं को लेकर उच्चस्तरीय चर्चा के लिए के लिए नया मैकेनिज्म बनाने पर सहमति बनी, जिसमें चीन की ओर से उप प्रधानमंत्री हु चुनहुआ और भारत की ओर से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और शी की दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता के दौरान लोगों के बीच संवाद व संपर्क बढ़ाने पर चर्चा हुई।
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में यह भी कहा गया है कि दोनों नेताओं के बीच करीब 90 मिनट तक वन-टू-वन बातचीत हुई। बाद में प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता भी हुई और कुल मिलाकर दोनों नेता करीब 6 घंटे तक दोनों नेता एक-दूसरे के साथ रहे, जिस दौरान कई मुद्दों पर सहमति बनी। विश्वास बहाली के लिए ऐसी मुलाकातों और बैठकों को जहां आगे भी जारी रखने पर सहमति बनी, वहीं भारत और चीन के बीच आतंकवाद से लेकर संवेदनशील विषयों पर एक-दूसरे की चिंताओं को दूर करने पर सहमति बनी।