- मेरठ से कृषि बिल के समर्थन में दिल्ली रवाना हुए सैकड़ों किसान
- ट्रैक्टर ट्रॉली, अन्य वाहनों में सवार होकर मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर के निकट के इलाकों के किसान गाजियाबाद के लिए रवाना
- दिल्ली की सीमाओं पर पिछले काफी दिन से बिलों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं किसान
नई दिल्ली: देश में नए कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर किसान पिछले 25 दिन से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों के समर्थन में समाज के विभिन्न तबकों से भी लोग आगे रहे हैं और आंदोलन लगातार बड़ा होते जा रहा है। अब दूसरी तरफ इन्हीं कानूनों के समर्थन में बड़ी संख्या में किसान सामने आए हैं। सैकड़ों किसान ट्रैक्टर और वाहन लेकर गाजियाबाद की तरफ रवाना हो गए हैं। ये किसान ट्रैक्टर ट्रॉली, अन्य वाहनों से मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर और आसपास के जिलों कृषि बिल के समर्थन में नारेबाजी करते हुए रवाना हुए। किसानों का कहना है कि बिल की खिलाफत कर रहे लोगों को भड़काया जा रहा है।
मेरठ से रवाना हुए किसान
हिंद मजदूर किसान समिति के बैनर तले ये किसान केंद्र सरकार के कृषि कानूनों का समर्थन करते हुए मेरठ से निकल गए हैं और रामलीला मैदान इंदिरापुरम में बिलों के समर्थन में एक सम्मेलन होगा। किसानों की संख्या को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी जगह-जगह तैनात किए गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सूचना आ रही है कि 400 ट्रैक्टर और ट्राली से किसान मेरठ से यहां आने के लिए चले हैं।
दिल्ली में जारी है किसानों का प्रदर्शन
आपको बता दें कि दिल्ली इन दिनों शीत लहर की चपेट में है, इसके बावजूद केंद्र के कृषि कानूनों का दिल्ली की सीमाओं पर विरोध कर रहे किसान अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं। किसान आंदोलन शुरू हुए चार सप्ताह हो चुके हैं और इसके कारण सीमा पर कई बिंदुओं पर यातायात का मार्ग परिवर्तित किया गया है जिसकी वजह से यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। टिकरी और धंसा बॉर्डर यातायात के लिए बंद है और झटिकारा बॉर्डर केवल दोपहिया वाहनों और पैदल यात्रियों के लिए खुला है।
ट्रैफिक पुलिस के अनुसार नोएडा और गाजियाबाद से दिल्ली आने के लिए गाजीपुर सीमा बंद है। यातायात पुलिस ने कहा कि दिल्ली आने वाले लोग आनंद विहार, डीएनडी, अप्सरा और भोपुरा बॉर्डर का वैकल्पिक मार्ग अपना सकते हैं। दिल्ली और नोएडा के बीच चिल्ला बॉर्डर केवल एक तरफ से खुला है और नोएडा से दिल्ली आने का रास्ता बंद है।