- कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के पत्र के जवाब में किसानों ने भी लिखा खुला पत्र
- पीएम मोदी और तोमर को लिखे पत्र में संगठन बोले- किसी राजनीतिक दल से नहीं है संबंध
- किसानों के आंदोलन ने राजनीतिक दलों को अपने विचार बदलने के लिए मजबूर किया है- किसान
नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों को लेकर आंदोलन कर रहे किसान संगठन अपनी मांगों को लेकर पीछे हटने के मूड में बिल्कुल नहीं है। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को को एक पत्र लिखा है जो कृषि मंत्री के पत्र का जवाब माना जा रहा है। इस पत्र में गया है कि वर्तमान में चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन किसी भी राजनीतिक दल से संबद्ध नहीं हैं।
पीएम मोदी ने लगाया था ये आरोप
पीएम मोदी और तोमर को हिंदी में अलग-अलग लिखे गए पत्रों में समिति ने कहा कि सरकार की यह गलतफहमी है कि तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को विपक्षी दलों द्वारा प्रायोजित किया जा रहा है। किसान संगठन की तरफ से ये पत्र तब लिखे गए जब एक दिन पहले प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों पर किसानों को तीन कृषि कानूनों को लेकर गुमराह करने का आरोप लगाया था।
23 दिन से आंदोलनरत हैं किसान
समिति उन लगभग 40 किसान संगठनों में से एक है, जो पिछले 23 दिन से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसने प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा, ‘सच्चाई यह है कि किसानों के आंदोलन ने राजनीतिक दलों को अपने विचार बदलने के लिए मजबूर किया है और आपके (प्रधानमंत्री) आरोप कि राजनीतिक दल इसे (विरोध प्रदर्शन) पोषित कर रहे हैं, वह गलत है। विरोध करने वाली किसी भी किसान यूनियन और समूह की कोई भी मांग किसी राजनीतिक दल से संबद्ध नहीं है।'