- कोविड-19 से जूझ रही एक महिला को 100 दिनों बाद अस्पताल से छुट्टी मिली
- 45 वर्षीया महिला को 21 अप्रैल को भर्ती कराया गया था, जो 30 जुलाई को घर लौटीं
- डॉक्टर के मुताबिक, ऑक्सीजन के स्तर में गिरावट के कारण उनकी हालत बिगड़ी थी
मेरठ : कोरोना वायरस संक्रमण से आम तौर पर लोगों को दो सप्ताह के बाद निजात मिल जाती है, लेकिन गंभीर मामलों में इसका कितना दुष्प्रभाव लोगों पर पड़ सकता है, इस बारे में कुछ भी कहना मुश्किल है। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के मेरठ से सामने आया है, जिसमें महिला को 100 दिनों तक अस्ताल में भर्ती रहना पड़ा। ऑक्सीजन के स्तर में लगातार गिरावट ने 45 वर्षीया महिला के स्वास्थ्य के लिए मुश्किलें पैदा कर दी।
कोविड संक्रमण से जूझ रही महिला को मेरठ के लाला लाजपत राय मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। कोविड संक्रमण की पुष्टि की बाद महिला की हालत गंभीर हो रही थी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। उन्हें 21 अप्रैल को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जब पूरा देश कोरोना वायरस संक्रमण महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा था और ऑक्सीजन की कमी के कारण मरीज एक-एक सांस को तरस रहे थे।
100 दिनों बाद मिली अस्पताल से छुट्टी
यह वही वक्त था, जब लोगों को अस्पतालों में मुश्किल से बेड मिल रहे थे। मेरठ की की 45 वर्षीया इस महिला को भी काफी मशक्कत के बाद अस्पताल में भर्ती करया जा सका, जहां कोविड संक्रमण को लेकर उनका लंबा इलाज चला। डॉक्टर्स का कहना है कि मरीज को कोविड संक्रमण से तो कुछ ही दिनों बाद छुटकारा मिल गया था और उनकी रिपोर्ट निगेटिव आ गई थी, लेकिन उन्हें पूरी तरह ठीक होने में 100 दिनों का वक्त लग गया।
मेरठ के लाला लाजपत राय मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में महिला का इलाज करने वाले एक डॉक्टर ने बताया कि मरीज में ऑक्सीजन का स्तर बहुत कम हो गया था, जिसके कारण उन्हें पूरी तरह से उबरने में लंबा वक्त लगा। उन्हें लंबे समय तक ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ती रही। ऑक्सीजन सपोर्ट पर उनकी निर्भरता बढ़ती गई, जिस वजह से उन्हें ठीक होने में लंबा वक्त लगा और लगभग 100 दिनों बाद 30 जुलाई को महिला को अस्पताल से छुट्टी दी गई।