- नोएडा के पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह को मिला गृह मंत्रालय का उत्कृष्ट सेवा मेडल
- तेज तर्रार पुलिस अधिकारियों में होती है आईपीएस आलोक सिंह की गिनती
- आलोक सिंह यूपी के कई जिलों में तैनाती के दौरान निभा चुके हैं अहम जिम्मेदारी
नोएडा: गौतमबुद्धनगर (नोएडा) के पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह को असाधारण सेवा के लिए उत्कृष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया है। 1995 बैच के आईपीएस अधिकारी आलोक सिंह को यह सम्मान गृह मंत्रालय की तरफ से दिया गया है। आलोक सिंह की गिनती तेज तर्रार अधिकारी के रूप में होती है। कानपुर और मेरठ रेंज के आईजी रह चुके आलोक सिंह मूल रूप से अलीगढ़ के रहने वाले हैं। अयोध्या में जब राम मंदिर निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया था तो उस समय वो मेरठ जोन के आईजी थी और सांप्रदायिक सौहार्द को बनाए रखने में उन्होंने अहम योगदान दिया था।
नोएडा के पहले कमिश्नर
इसी साल जनवरी में जब पहली बार लखनऊ और गौतमबुद्ध नगर को पुलिस कमिश्नरेट बनाने का फैसला हुआ तो आलोक सिंह को गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) का पहला पुलिस कमिश्रर बनाया गया। इटली और केम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से भी पुलिस प्रशिक्षण ले चुके आलोक कुमार मेरठ, कानपुर, उन्नाव, बागपत सोनभद्र, रायबरेली सहित कई जिलों के पुलिस अधीक्षक भी रह चुके हैं। एक बेदाग ऑफिसर के रूप में प्रसिद्ध आलोक कुमार की छवि ईमानदार अधिकारी की रही है।
926 पुलिसकर्मी सम्मानित
आपको बता दें कि स्वतंत्रता दिवस, 2020 के अवसर पर कुल 926 पुलिसकर्मियों को पदक से सम्मानित किया गया है। 215 पुलिसकर्मियों को उनके विशिष्ट वीरतापूर्ण कार्य के लिए वीरता के पुलिस पदक (पीएमजी) से सम्मानित किया गया है। विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति के पुलिस पदक से 80 पुलिसकर्मियों को और सराहनीय सेवा के लिए 631 पुलिसकर्मियों को पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है।
ये कर्मी सम्मानित
215 वीरता पुरस्कारों में से 123 कर्मियों को जम्मू-कश्मीर में उनके वीरतापूर्ण कार्य के लिए, 29 कर्मियों को वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में उनके वीरतापूर्ण कार्य के लिए तथा 8 कर्मियों को पूर्वोत्तर क्षेत्र में उनके वीरतापूर्ण कार्य के लिए सम्मानित किया जा रहा है। वीरता पुरस्कार प्राप्त करने वाले कर्मियों में 55 सीआरपीएफ के हैं, 81 जम्मू-कश्मीर पुलिस के, 23 उत्तर प्रदेश पुलिस के और 16 दिल्ली पुलिस के, 14 महाराष्ट्र पुलिस और 12 झारखंड पुलिस तथा शेष अन्य राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों और केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के हैं।