- मंगलोर में लोगों ने सुना कि ट्रेन शुरू हो गई है, इसके बाद स्टेशन पहुंचे प्रवासी मजदूर
- राज्य सरकार का कहना है कि वह प्रत्येक मजदूर के खाते में दो हजार रुपए जमा करेगी
- पश्चिम बंगाल से यूपी, झारखंड और बिहार के मजदूर जाना चाहते हैं अपने गृह प्रदेश
नई दिल्ली : लॉकडाउन में अलग-अलग प्रदेशों के प्रवासी मजदूरों को अपने गृह राज्य जाने की छूट मिलने के बाद विभिन्न राज्यों से परेशान करने वाली रिपोर्टें आ रही हैं। प्रवासी मजदूर अपने गृह राज्य जाने के लिए परेशान हैं। शुक्रवार को यह अफवाह उड़ने पर कि ट्रेन सेवा शुरू हो होई है कर्नाटक के मंगलोर रेलवे स्टेशन पर बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर एकत्र हो गए। प्रवासी मजदूर अपने राज्य भेजे जाने की मांग लेकर जिलाधिकारी कार्यालय भी पहुंचे। पश्चिम बंगाल के आसनसोल में प्रवासी मजदूरों ने अपने गृह राज्य जाने के लिए प्रदर्शन किया।
मंगलोर स्टेशन पर उमड़े प्रवासी मजदूर
शुक्रवार को ट्रेन पकड़ने के लिए मंगलोर रेलवे स्टेशन पर प्रवासी मजदूरों की भारी भड़ी जमा हो गई। यह जानकारी मिलने पर कि ट्रेन सेवा शुरू होने जा रही है यूपी, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के प्रवासी मजदूर मंगलोर रेलवे स्टेशन पर एकत्र हो गए। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हुआ। पुलिस ने किसी तरह रेलवे स्टेशन पर स्थितियां नियंत्रित की। प्रवासी मजदूर जिलाधिकारी कार्यालय भी पहुंचे और खुद को अपने गृह राज्य भेजे जाने की मांग की।
राज्य सरकार ने की मुआवजा देने की बात
प्रवासी मजदूरों को राज्य में रोकने के लिए कर्नाटक सरकार उन्हें मदद का भरोसा दे रही है। राज्य सरकार ने मजदूरों को मुआवजा देने की बात कही है। सरकार का कहना है कि वह 15 से 16 लाख मजदूरों के खाते में दो हजार रुपए जमा करेगी। प्रशासन के अधिकारी मजदूरों को भरोसा दे रहे हैं कि शहर में निर्माण की गतिविधियां शुरू होंगी और उन्हें रोजगार मिलेगा लेकिन प्रवासी मजदूरों को प्रशासन के वादे पर भरोसा नहीं हो रहा है, वे वापस अपने गृह राज्य जाना चाहते हैं। मजदूर जिला प्रशासन से वापस अपने राज्य भेजे जाने का प्रबंध करने की मांग कर रहे हैं।
आसन सोल में प्रवासी मजदूरों का प्रदर्शन
केंद्र सरकार द्वारा प्रवासी मजदूरों को अपने गृह राज्य जाने की छूट मिलने के बाद पश्चिम बंगाल में रहने वाले मजदूर अपने प्रदेश लौटना चाहते हैं। पश्चिम बंगाल में बिहार, यूपी और झारखंड से बड़ी संख्या में मजदूर काम करते हैं। पिछले दो तीन दिनों से ये मजदूर पैदल, साइकिल के जरिए आसनसोल पहुंचे हैं। इन मजदूरों का दावा है कि पश्चिम बंगाल सरकार की अनुमति मिलने के बावजूद झारखंड की पुलिस उन्हें रोक रही है और उन्हें सीमा पार नहीं करने दे रही है। आसनसोल झारखंड और पश्चिम बंगाल की सीमा पर स्थित है।
महाराष्ट्र के औरंगाबाद में हुआ दर्दनाक हादसा
प्रवासी मजदूरों को अपने गृह राज्य जाने की छटपटाहट इतनी ज्यादा है कि उन्हें सरकार के इंतजामों पर भरोसा नहीं हो रहा है। वे पैदल ही अपने गृह राज्य के लिए निकलने लगे हैं। गुरुवार को महाराष्ट्र से बड़ी संख्या में यूपी के प्रवासी मजदूर अपने प्रदेश के लिए पैदल निकल पड़े। एक ऐसी ही दुर्भाग्यपूर्ण कोशिश मध्य प्रदेश के मजदूरों ने भी की। महाराष्ट्र के औरंगाबाद में शुक्रवार को मालगाड़ी की चपेट में आने के बाद 16 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई। जालना से भुसावल की ओर पैदल जा रहे मजदूर मध्य प्रदेश लौट रहे थे। ये सभी मजदूर रेल की पटरियों के किनारे चल रहे थे और थकान मिटाने के लिए ये थोड़े समय के लिए पटरियों पर सो गए तभी वहीं से माल गाड़ी गुजरी और वे हादसे का शिकार हो गए।