- कोरोना संक्रमण की वजह से लागू हुए लॉकडाउन में अपने गांवों की तरफ लौट गए थे प्रवासी श्रमिक
- अनलॉक 2 शुरू होने के साथ ही श्रमिकों को वापस बुला रहे हैं कंपनी मालिक
- श्रमिकों के वापस लौटने से उद्योग पकड़ेगे रफ्तार, बढ़ेगा रोजगार
नई दिल्ली: कोरोना वायरस की वजह से लागू हुए लॉकडाउन के दौरान अपने-अपने गांवों की तरफ वापस लौटे श्रमिक अब धीरे-धीरे शहरों की तरफ वापस आने लगे हैं। अनलॉक 2 लागू होने के साथ ही विभिन्न प्रवासी श्रमिक काम की तलाश में राजधानी दिल्ली, मुंबई और गुजरात सहित विभिन्न महानगरों की तरफ लौट रहे हैं। 1 जुलाई से पूरे देश में लागू अनलॉक -2 हो गया है।
वापस बुला रहे हैं फैक्ट्री मालिक
एएनआई से बात करते हुए, एक प्रवासी श्रमिक ने कहा, 'मैं फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश) से हूं। मुझे मेरे नियोक्ता द्वारा बुलाया गया है, इसलिए मैं वापस आ गया हूं। दिल्ली-एनसीआर के कौशाम्बी बस स्टैंड के एक अधिकारी ने कहा, 'लोग बड़ी संख्या में वापस जा रहे हैं और बस किराए में मामूली बढ़ोतरी नहीं हुई है।' मार्च में जब से कोविड-19 मामलों के बढ़े थे तो लॉकडाउन की शुरुआत हुई, तब से भारी संख्या में श्रमिक अपने मूल स्थानों पर लौट गए थे।
महाराष्ट्र में 7 लाख से अधिक वापस लौटे
इससे पहले महाराष्ट्र में भी बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों के लौटने की खबर आई थी। सामना की एक खबर के मुताबिक 'राज्य में अभी तक सात लाख प्रवासी मजदूर वापस लौट चुके हैं। यूपी, बिहार और झारखंड से भरी हुईं ट्रेनें मुंबई औऱ पुणे में आ रही है। राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख के मुताबिक, हर दिन 15 से 20 हजार मजदूर वापस आ रहे हैं।' ये मजदूर मुंबई, ठाणे, रायगढ़, पालघर, पुणे और नासिक स्थित कारखानों में काम करते हैं।
धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रहे हैं उद्योग धंधे
खबरों की मानें तो गुजरात में भी बड़ी संख्या में श्रमिक लौट रहे हैं औऱ कई कंपनियों के मालिकों ने तो बकायदा श्रमिकों को बुलाने के लिए अपनी तरफ से इंतजाम किए थे। श्रमिकों के वापस आने से उद्योग धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रहे हैं और श्रमिकों को भी रोजगार मिल रहा है। जबकि कई लोगों को देश भर में घूमते देखा गया था, कई प्रवासी श्रमिक बसों या ट्रेनों से लौटे थे, सरकार ने स्थिति पर ध्यान दिया था