- प्रसाद केंद्र सरकार की योजना है, जिसे पर्यटन मंत्रालय द्वारा साल 2014-15 में शुरू किया गया था।
- प्रसाद स्कीम के तहत 37 प्रोजेक्ट के डेवलपमेंट की पहचान की गई है। जिसके लिए 1214.9 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।
- चार धाम ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट भी मोदी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है।
PM Narendra Modi in Deoghar: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज झारखंड के देवघर (Deoghar) में हैं। जो बाबा धाम (Baba Dham) के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। प्रधानमंत्री ने आज देवघर हवाई अड्डे (Deoghar Airport) उद्घाटन किया और इसके साथ ही प्रसाद योजना के तहत. 2,000 तीर्थयात्रियों की क्षमता वाले दो बड़े तीर्थ मंडली भवनों का विकास, जलसर झील के फ्रंट का विकास, शिवगंगा तालाब विकास आदि का भी लोकार्पण करेंगे। देवघर में तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए विकास कार्यों का काम केंद्र सरकार की प्रसाद योजना के तहत किया जा रहा है। जो कि मोदी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। प्रसाद स्कीम के जरिए मोदी सरकार देश भर में 37 धार्मिक प्रोजेक्ट का पुनरोद्धार कार्य कर रही है। इसके तहत 41 धार्मिक स्थल हैं। जिसमें बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री से लेकर अजमेर, बेलूर, सेंट थामस श्राइन आदि शामिल हैं।
इन प्रोजेक्ट का हो रहा है विकास
पर्यटन मंत्री जी.कृष्णन रेड्डी द्वारा 9 अगस्त 2021 को लोकसभा में दिए गए बयान के अनुसार प्रसाद स्कीम के तहत 37 प्रोजेक्ट के डेवलपमेंट की पहचान की गई है। जिसके लिए 1214.9 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इसमें अमरावती और श्रीशैलम (आंध्र प्रदेश), कामाख्या (असम), परशुराम कुंड (लोहित जिला, अरुणाचल प्रदेश), पटना और गया (बिहार), बाल्मेश्वरी देवी मंदिर (राजनांदगांव, छत्तीसगढ़), द्वारका (गुजरात), गुरुद्वारा नाडा साहब, पंचकुला (हरियाणा), मां चिंतपूर्णी (ऊना, हिमाचल प्रदेश), हजरतबल और कटरा (जम्मू और कश्मीर), देवगढ़ और पारसनाथ (झारखंड), चामुंडेश्वरी देवी, मैसूर (कर्नाटक), गुरुवायूर, सेंट थॉमस इंटरनेशनल श्राइन ( मलयाट्टूर), चेरामन जुमा मस्जिद (त्रिशूर, केरल), ओंकारेश्वर और अमरकंटक (मध्य प्रदेश), बाबेदपारा, पश्चिम जयंतिया हिल्स और सोहरा (मेघालय), आइजोल (मिजोरम), कोहिमा और मोकोकचुंग जिले (नागालैंड), त्र्यंबकेश्वर (महाराष्ट्र), पुरी (ओडिशा) , अमृतसर (पंजाब), अजमेर (राजस्थान), कांचीपुरम और वेल्लंकानी (तमिलनाडु), त्रिपुरा सुंदरी (त्रिपुरा), वाराणसी, मथुरा (उत्तर प्रदेश), केदारनाथ,बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री (उत्तराखंड) और बेलूर (पश्चिम बंगाल)।
क्या है प्रसाद स्कीम
तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक, विरासत संवर्धन अभियान का राष्ट्रीय मिशन (प्रसाद) केंद्र सरकार की योजना है, जिसे पर्यटन मंत्रालय द्वारा साल 2014-15 में शुरू किया गया था। यह पूरी तरह भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित है। जिसका उद्देश्य तीर्थयात्रा और विरासत स्थलों के एकीकृत विकास करना है। इस योजना के तहत सड़क, रेल और जल परिवहन कनेक्टिविटी बेहतर करना, पर्यटन की बुनियादी सुविधाएं जैसे सूचना केंद्र, एटीएम/मनी एक्सचेंज, पर्यावरण अनुकूल परिवहन के साधन,लाइटिंग और नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोत से रोशनी, पार्किंग, पीने का पानी, शौचालय, अमानती सामान घर, प्रतीक्षालय, प्राथमिक चिकित्सा केंद्र, बाजार, कैफेटेरिया विकास और इंटरनेट कनेक्टिविटी आदि शामिल हैं।
इन पर भी फोकस
चार धाम ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट
यह प्रोजेक्ट भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है। इसके तहत उत्तराखंड के चारों धाम (बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री ) को सड़क से जोड़ने की योजना है। इसकी शुरूआत 2016 में हुई थी। इसके जरिए करीब 900 किलोमीटर की सड़क का निर्माण किया जाना है।
अयोध्या का विकास
ऐसा अनुमान है कि साल 2024 तक राम मंदिर निर्माण होने के साथ हर रोज करीब एक लाख पर्यटक और तीर्थ यात्री अयोध्या पहुंचेंगे। अयोध्या के विकास पर करीब 20 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इसके तहत क्रूज पर्यटन, राम की पैड़ी परियोजना, रामायण आध्यात्मिक वन, सरयू नदी आइकॉनिक ब्रिज, 84 कोसी परिक्रमा के भीतर 208 विरासत परिसरों का जीर्णोद्धार, एयरपोर्ट, अत्याधुनिक रेलवे स्टेशनआदि शामिल हैं। पूरी अयोध्या को आधुनिक स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित किया जा रहा है।