- देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच पीएम मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के लोगों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बात की
- पीएम मोदी ने कहा कि संकट की इस घड़ी में, काशी सबका मार्गदर्शन कर सकती है, सबके लिए उदाहरण प्रस्तुत कर सकती है
- प्रधानमंत्री ने इस दौरान एक बार फिर सोशल डिस्टेंसिंग पर जोर देते हुए कहा कि हमें घर में रहना चाहिए और आपस में दूरी बनाए रखना चाहिए
नई दिल्ली : देशभर में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच लॉकडाउन की घोषणा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (बुधवार, 25 मार्च) अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के लोगों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बात की। इस दौरान उन्होंने जोर देकर कहा कि लोगों को किसी भी अफवाह पर भरोसा नहीं करना चाहिए और अंधविश्वास से भी दूर रहना चाहिए। साथ ही लोग अपनी मर्जी से जो दवाएं लेना शुरू कर देते हैं, उससे भी बचने की जरूरत है, क्योंकि इससे संकट कई बार बढ़ जाता है और स्थिति संभलने की बजाय बिगड़ने लग जाती है।
पीएम मोदी के संबोधन की प्रमुख बातें :
-पीएम मोदी ने कहा, 'हमें ये ध्यान रखना है कि अभी तक कोरोना के खिलाफ कोई भी दवाई, कोई भी वेक्सीन पूरी दुनिया में नहीं बनी है। इस पर हमारे देश में भी और दूसरे देशों में भी काम तेज़ी से चल रहा है। आपने खबरों में भी देखा होगा कि, दुनिया के कुछ देशों में अपनी मर्ज़ी से दवाएं लेने के कारण कैसे जीवन संकट में पड़ रहे हैं। हम सभी को हर तरह के अंधविश्वास से, अफवाह से बचना है।'
-बीएचयू के डॉ. गोपाल नाथ ने इस दौरान देश में व्याप्त उस प्रवृत्ति को भी उठाया, जिसमें लोग अक्सर डॉक्टर से पूछे बगैर ही दवाएं लेनी शुरू कर देते हैं। उन्होंने कहा, 'हमारे यहां डॉक्टरों को पूछे बिना दवाएं लेने की आदत है। इससे हमें बचना है। कोरोना के संक्रमण का इलाज अपने स्तर पर बिल्कुल नहीं करना है, घर में रहना है और जो करना है डॉक्टरों की सलाह से ही करना है।'
-पीएम मोदी ने कहा, 'ऐसे में जब देश के सामने इतना बड़ा संकट हो, पूरे विश्व के सामने इतनी बड़ी चुनौती हो, तब मुश्किलें नहीं आएंगी, सब कुछ अच्छे होगा, ये कहना अपने साथ धोखा करने जैसा होगा। जो तकलीफें आज हम उठा रहे हैं, जो मुश्किल आज हो रही है, उसकी उम्र फिलहाल 21 दिन ही है। लेकिन अगर कोरोना का संकट समाप्त नहीं हुआ, इसका फैलना नहीं रुका तो कितना ज्यादा नुकसान हो सकता है, इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है।'
-उन्होंने कहा, 'अभी नवरात्र शुरू हुआ है। अगर हम अगले 21 दिन तक, 9 गरीब परिवारों की मदद करने का प्रण लें, तो इससे बड़ी आराधना मां की क्या होगी। इसके अलावा आपके आसपास जो पशु हैं, उनकी भी चिंता करनी है। अगर मैं कहूं कि सब कुछ ठीक है, सब कुछ सही है, तो मैं मानता हूं कि ये खुद को भी धोखा देने वाली बात होगी। इस समय केंद्र सरकार हो या राज्य सरकारें, जितना ज्यदा हो सके, जितना अच्छा हो सके, इसके लिए भरसक प्रयास कर रही हैं।'
-कपड़ा व्यापारी अखिलेश खेमका ने इस दौरान असंगठित क्षेत्र के कामगारों को लेकर सवाल किए, जिसका जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'कोरोना वायरस न हमारी संस्कृति को मिटा सकता है और न ही हमारे संस्कार मिटा सकता है और इसलिए, संकट के समय, हमारी संवेदनाएं और जागृत हो जाती हैं। कोरोना को जवाब देने का एक तरीका करुणा भी है। यानि कोरोना को करुणा से जवाब। हमारे समाज में, हमारी परंपरा में तो दूसरों की मदद की एक समृद्ध परिपाटी रही है। साईं इतना दीजिए, जामें कुटुंब समाए। मैं भी भूखा ना रहूं, साधू ना भूखा जाए !!'
-पीएम मोदी ने कहा, 'संकट की इस घड़ी में, अस्पतालों में इस समय सफेद कपड़ों में दिख रहा हर व्यक्ति, ईश्वर का ही रूप है। आज यही हमें मृत्यु से बचा रहे हैं। अपने जीवन को खतरों में डालकर ये लोग हमारा जीवन बचा रहे हैं। हमारे समाज में ये संस्कार दिनों-दिन प्रबल हो रहा है, कि जो देश की सेवा करते हैं, जो देश के लिए खुद को खपाते हैं, उनका सार्वजनिक सम्मान भी होते रहना चाहिए।'
-सामाजिक कार्यकर्ता मोहिनी झांवर के चिकित्साकर्मियों से जुड़े एक सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा, 'डॉक्टर जिंदगी बचाते हैं और हम उनका ऋण कभी नहीं उतार सकते। जिन लोगों ने वुहान में रेस्क्यू ऑपेरेशन किया, मैंने उनको पत्र लिखा था, मेरे लिए वो पल बहुत भावुक थे। मेरी सभी नागरिकों से अपील है कि अगर ऐसी कोई गतिविधि कहीं दिख रही है। कहीं आपको डॉक्टर, नर्स या मेडिकल स्टाफ के साथ कोई बुरा बर्ताव होता दिख रहा हो तो आप वहां जाकर लोगों को समझाएं।'
-पीएम मोदी ने इस दौरान कोरोना से जुड़ी सही और सटीक जानकारी के लिए सरकार की ओर से Whatsapp के साथ मिलकर एक हेल्पडेस्क बनाने की बात भी कही और एक नंबर भी साझा किया। उन्होंने बताया कि इस नंबर से जुड़कर लोगा कोरोना वायरस के बारे में सही व सटीक जानकारी हासिल कर सकते हैं। पीएम मोदी ने जो नंबर साझा किया है वह, 9013151515 है।
-उन्होंने लोगों से यह भी कहा कि इस बीमारी को लेकर चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। पीएम मोदी ने कहा, 'आप ये भी ध्यान रखिए कि कोरोना से संक्रमित दुनिया में 1 लाख से अधिक लोग ठीक भी हो चुके हैं और भारत में भी दर्जनों लोग कोरोना के शिकंजे से बाहर निकले हैं। कल तो एक खबर में देख रहा था कि इटली में 90 वर्ष से ज्यादा आयु की माताजी भी स्वस्थ हुई हैं।'
-उन्होंने कहा, 'नागरिक के रूप में हमें अपने कर्तव्य करते रहना चाहिए, हमें सोशल डिस्टेंसिंग पर ध्यान देना चाहिए। हमें घर में रहना चाहिए और आपस में दूरी बनाए रखना चाहिए। कोरोना जैसी महामारी से दूर रहने का अभी यही एकमात्र उपाय है।'
-पीएम मोदी ने इस दौरान संवाद भी किया। प्रो. कृष्णकांत वाजपेयी ने जब कोरोना वायरस की माहामारी से लड़ने के लिए सामाजिक जागरुकता फैलाने को लेकर एक सवाल का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'इस बीमारी में जो बातें सामने आई हैं, उसमें सबसे बड़ी सच्चाई यही है कि ये बीमारी किसी में भेदभाव नहीं करती। ये समृद्ध देश पर भी कहर बरपाती है और गरीब के घर में भी कहर बरपाती है।'
-पीएम मोदी ने कहा, 'संकट की इस घड़ी में, काशी सबका मार्गदर्शन कर सकती है, सबके लिए उदाहरण प्रस्तुत कर सकती है। काशी का अनुभव शाश्वत, सनातन, समयातीत है और इसलिए, आज लॉकडाउन की परिस्थिति में काशी देश को सिखा सकती है- संयम, समन्वय, संवेदनशीलता काशी देश को सिखा सकती है- सहयोग, शांति, सहनशीलता काशी देश को सिखा सकती है- साधना, सेवा, समाधान।'
-उन्होंने कहा, महाभारत का युद्ध 18 दिनों में जीता गया, कोरोना के खिलाफ जो युद्ध लड़ा जा रहा है, उसमें 21 दिन लगने वाले हैं।'
-पीएम मोदी ने कहा, 'मां शैलपुत्री के आशीर्वाद की बहुत आवश्यकता है। कोरोना महामारी के विरुद्ध जो युद्ध देश ने छेड़ा है,उसमें हिन्दुस्तान को 130 करोड़ देशवासियों को विजय प्राप्त हो।'
-पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत काबुल के गुरुद्वारे में हुए आतंकी हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देते हुए की।
यहां उल्लेखनीय है कि देश में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है। अब तक इस घातक संक्रमण के 582 मामले सामने आ चुके हैं, जबकि 10 लोगों की मौत हो चुकी है। चूंकि इस बीमारी का अब तक कोई उपचार नहीं ढूंढ़ा जा सका है, इसलिए फिलहाल बचाव को ही इसके रोकथाम में प्रभावी माना जा रहा है। इसे देखते हुए पीएम मोदी ने मंगलवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा की थी।