- 70 से अधिक देशों में फैल चुका है मंकीपॉक्स
- WHO ने ‘‘असाधारण’’ बताए हालात, कहा- ये ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी
- केरल के केस मिलने के बाद कर्नाटक सतर्क
Monkeypox Virus in Delhi: दिल्ली में भी मंकीपॉक्स वायरस ने दस्तक दे दी है। रविवार (24 जुलाई, 2022) को देश की राजधानी में इसके पहले केस की पुष्टि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने की। सबसे हैरत की बात है कि इस व्यक्ति की कोई विदेश यात्रा की हिस्ट्री भी नहीं है।
इस बीच, समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि संक्रमित को फिलहाल मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। 31 साल का शख्स बुखार और त्वचा में घाव से पीड़ित है। दिल्ली में इस केस के सामने आने के बाद देश में अब मंकीपॉक्स के कुल चार मामले हो चुके हैं। इससे पहले, तीन मामले केरल में मिले थे।
WHO ने घोषित किया ग्लोबल इमरजेंसी
दिल्ली में यह केस ऐसे वक्त पर आया है, जब चंद घंटों पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शनिवार को कहा कि 70 से अधिक देशों में मंकीपॉक्स का प्रसार होना एक ‘‘असाधारण’’ हालात है जो अब वैश्विक आपात स्थिति है। संस्था के महानिदेशक टेड्रोस ए. घेब्रेयसस ने वैश्विक स्वास्थ्य संगठन की ‘इमरजेंसी कमेटी’ के सदस्यों के बीच आम सहमति नहीं बन पाने के बावजूद यह घोषणा की। यह पहला मौका है जब डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने इस तरह की कार्रवाई की है।
कर्नाटक सरकार ने बढ़ाई सतर्कता
केरल में मंकीपॉक्स केस के मद्देनजर कर्नाटक सरकार ने राज्य में सतर्कता गतिविधियां बढ़ाने और कड़ी निगरानी रखने का फैसला किया। सरकार ने राज्य के सभी जिलों को मंकीपॉक्स को लेकर ‘तकनीकी परामर्श समिति’ की सिफारिशों और केंद्र के दिशा-निर्देशों के अनुसार आवश्यक कदम उठाने और पूरी तैयारी सुनिश्चित करने को कहा। सूबे के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण आयुक्त ने सतर्कता बढ़ाए जाने संबंधी परिपत्र जारी किया।
केरल में आ चुके हैं फिलहाल तीन केस
दक्षिण भारतीय सूबे केरल में मंकीपॉक्स के फिलहाल तीन मामले आ चुके हैं। 22 जुलाई को तीसरे केस की पुष्टि हुई, जबकि इसी महीने की शुरुआत में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से लौटे 35 वर्षीय युवक में मंकीपॉक्स के संक्रमण की पुष्टि हुई। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने बताया कि मलप्पुरम का रहने वाला युवक छह जुलाई को अपने गृह राज्य लौटा था और उसका तिरुवनंतपुरम के मंजेरी मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। जॉर्ज के मुताबिक, युवक की हालत स्थिर है। संक्रमित के संपर्क में रहे लोगों पर करीबी नजर रखी जा रही है।
मंकीपॉक्स पर आई थी एसओपी
केरल में दो केस सामने आने के बाद राज्य ने मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने कहा कि कोई भी व्यक्ति जिसने पिछले 21 दिनों में उस देश की यात्रा की है, जहां मंकीपॉक्स के मामले सामने आए हैं...उनके शरीर पर अगर लाल धब्बे दिखें या उनमें सिरदर्द, शरीर में दर्द या बुखार जैसे अन्य लक्षण हों तो वे संदिग्ध वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। प्रेस विज्ञप्ति में मंत्री ने कहा कि निकट शारीरिक या सीधे त्वचा के त्वचा से संपर्क, संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाने या उनके बिस्तर या कपड़ों को छूने से संक्रमण फैलने का खतरा है। इस श्रेणी में आने वाले सभी लोगों को रोगी का निकट संपर्क माना जाएगा। पीसीआर जांच के जरिए ही संक्रमण की पुष्टि हो सकती है।
स्वास्थ्य विभाग की एसओपी के अनुसार, मंकीपॉक्स के संदिग्ध और संभावित मरीजों का उचार अलग-अलग होगा और जिला निगरानी अधिकारी (डीएसओ) को तुरंत इस संबंध में सूचना दी जाएगी। राष्ट्रीय विषाणु रोग विज्ञान संस्थान (एनआईवी) द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार नमूने एकत्र किए जाएं और इसे प्रयोगशाला में भेजने के लिए डीएसओ जिम्मेदार होंगे। अगर निकट संपर्क में आए व्यक्ति को बुखार हो, तो उन्हें पृथक किया जाए और यदि उनके शरीर पर लाल धब्बे दिखाई देते हैं, तो उनके नमूने मंकीपॉक्स की जांच के लिए भेज जाएं। अगर रोगी के निकट संपर्क में आए किसी व्यक्ति में कोई लक्षण नहीं भी है, तब भी वे रक्तदान आदि ना करें।