सीधी (मप्र) : मध्य प्रदेश के सीधी जिले में दो दिन पहले हुए बस हादसे के बाद से लापता तीन लोगों को नहर के भीतर तीन किलोमीटर लंबी सुरंग में ढूंढने के लिए चल रहे अभियान में शीघ्र ही सेना शामिल होगी। सीधी के कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी ने बृहस्पतिवार को बताया कि जबलपुर से सेना का एक दल इस बस हादसे में लापता तीन लोगों को खोजने के लिए शीघ्र ही राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) को सहयोग करेगा।
नहर में सुरंग है
उन्होंने कहा, ‘इस नहर में तीन किलोमीटर से अधिक लंबी सुरंग भी है। वहां पर बहुत ही कम ऑक्सीजन रहती है। इस बात की आशंका है कि लापता व्यक्ति इसमें हो सकते हैं। इस सुरंग में इन तीन लापता लोगों की खोज की जा रही है।’ चौधरी ने बताया कि खोज के लिए निपुणता एवं विशेषज्ञता की आवश्यकता है। इसलिए सेना के इस दल को बुलाया गया है।
चालक सहित बस में 61 लोग सवार थे
जब उनसे सवाल किया गया कि दुर्घटना के वक्त बस में कितने लोग थे, तो इस पर उन्होंने कहा कि चालक सहित कुल 61 लोग इसमें सवार थे। उन्होंने कहा कि इनमें से 51 लोगों की डूबने से मौत हो गई, छह को बचा लिया गया और तीन लोग अभी भी लापता हैं। इसके अलावा, बस चालक भी था, जिसे बुधवार सुबह गिरफ्तार किया गया है। चौधरी ने बताया कि यह 32 सीट क्षमता वाली बस थी लेकिन इसमें 61 लोग सवार थे। उन्होंने कहा कि बस में सवार 40 से अधिक लोग एएनएम (महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता) की भर्ती परीक्षा एवं अन्य परीक्षा देने सतना जा रहे थे, बस खचाखच भरी हुई थी।
मंगलवार सुबह हुआ हादसा
चौधरी ने कहा कि सामान्य रूप से इस मार्ग में बसें अपनी सीट क्षमता से अधिक यात्रियों को नहीं ले जाती हैं। मालूम हो कि मध्य प्रदेश में सीधी जिला मुख्यालय से करीब 80 किलोमीटर दूर पटना गांव के पास मंगलवार सुबह हुए इस बस हादसे में 51 लोगों की मौत हो गई थी। यह बस यात्रियों से खचाखच भरी थी और ट्रैफिक जाम से बचने के लिए अपने निर्धारित मार्ग को बदलकर दूसरे मार्ग से जा रही थी और नहर में गिर गई थी। यह नहर बाणसागर बांध परियोजना का हिस्सा है और हादसे के वक्त इसमें करीब 25 फीट पानी तेज गति से प्रवाहित हो रहा था।