भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने ठाकुर और अन्य सवर्ण महिलाओं के बारे में विवादित टिप्पणी कर राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। एक वीडियो सामने आया है, जिसमें खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल सिंह (जो आदिवासी समुदाय से हैं) कहते हैं कि ठाकुर और अन्य उच्च जाति की महिलाओं को उनके घरों से बाहर निकाला जाना चाहिए और समानता सुनिश्चित करने के लिए समाज में काम करना चाहिए। अब उन्होंने अपने बयान पर खेद जताया है।
उन्होंने कहा कि अगर किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची हो तो मैं माफी मांगता हूं, लेकिन मैंने इसे किसी समुदाय को नीचा दिखाने के लिए नहीं कहा। मेरा मकसद यह कहना था कि सभी पृष्ठभूमि की महिलाएं समानता के साथ समाज सेवा करें। लोगों ने मेरी बातों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया। मैंने ठाकुर महिलाओं या एमपी की महिलाओं के बारे में बात नहीं की। मैंने अपने बोर्ड के लोगों और जिले के ब्राह्मणों की ओर इशारा किया। मुझे नहीं लगता कि मैंने कुछ गलत कहा है। अगर लोग अभी भी आहत हुए हैं तो मैं क्षमा चाहता हूं।
सिंह 24 नवंबर को अपने पैतृक जिले अनूपपुर में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि ठाकुर और कुछ अन्य उच्च जाति के लोगों ने अपनी महिलाओं को घरों तक सीमित कर दिया है, जबकि कमजोर वर्ग की महिलाएं खुले में काम करती हैं, खड़ी फसल काटने से लेकर फर्श की सफाई तक। समानता कैसे प्राप्त की जा सकती है? इसलिए ठाकुर और अन्य उच्च जाति की महिलाओं को बाहर निकालें और समानता सुनिश्चित करने के लिए उन्हें समाज में काम दें।
इससे पहले, अक्टूबर 2020 में, इसी मंत्री पर राज्य की 26 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव से पहले अपने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार की पत्नी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए आईपीसी की धारा 294 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया था। सिंह उन 22 कांग्रेस विधायकों में शामिल थे, जिनके मार्च 2020 में बीजेपी में शामिल होने के कारण कमलनाथ के नेतृत्व वाली 15 महीने पुरानी कांग्रेस सरकार गिर गई थी।