- मुख्तार अंसारी यूपी के मऊ सदर से बीएसपी के विधायक हैं
- मुख्तार को यूपी भेजे जाने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे निर्देश
- यूपी भेजने के लिए पंजाब सरकार को दिया था दो हफ्ते का समय
नई दिल्ली। कुख्यात अपराधी और विधायक मुख्तार अंसारी को पंजाब की रोपड़ जेल से लेकर यूपी पुलिस निकल चुकी है। मुख्तार अंसारी को बांदा जेल जाने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। बता दें कि मुख्तार की पत्नी ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाकर यूपी पुलिस का आचरण सही नहीं है और वो विकास दुबे जैसे कांड को अंजाम दे सकती है। पंजाब से मुख्तार अंसारी को लाए जाने के बाद बांदा जेल में ही रखा जाएगा। हालांकि उनका अंतिम ठिकाना कौन सी जेल बनेगी इसका फैसला प्रयागराज स्पेशल एमपी- एमएलए कोर्ट को करना है।
मुख्तार को ले जाने के लिए 100 पुलिसकर्मियों की टीम
मुख्तार अंसारी को सुरक्षित बांदा ले जाने के लिए 100 से अधिक पुलिसकर्मी लगाए गए हैं। खास बात यह है कि जिन पुलिसकर्मियों की ड्यूटी मुख्तार अंसारी को ले जाने के लिए लगाई गई है उनमें से किसी का भी संबंध पूर्वांचल से नहीं है। मुख्तार और उनका परिवार इस बात की आशंका जाहिर कर चुका है कि उसे माफिया डॉन बृजेश सिंह से खतरा है।
मुख्तार की जान को खतरा, परिवार ने लगाई गुहार
मुख्तार अंसारी को यूपी लाए जाने पर उनके भाई और सांसद अफजाल अंसारी षड़यंत्र के तौर पर देखते हैं तो मुख्तार अंसारी की पत्नी को अपने पति की हत्या का डर सता रहा है और उसे लेकर वो राष्ट्रपति, मानवधिकार आयोग तक खत लिख चुकी हैं। मुख्तार के परिवार कहना है कि राजनीतिक तौर पर विरोध करने का खामियाजा उठाना पड़ रहा है। यूपी की योगी सरकार नाहक परेशान कर रही है। उनके ऊपर जितने मुकदमे हैं उन सबका ट्रायल जारी है।
सभी तरह की कोशिश हुई नाकाम
जानकारों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एक बार मुख्तार अंसारी की तरफ से यूपी ना जाने के तरह तरह के बहाने किए गए। लेकिन मोहाली कोर्ट के आदेश के बाद सबकुछ साफ हो गया कि उन्हें यूपी की जेल में जाना ही होगा। इन सबके बीच जिस तरह से एंबुलेंस का मामला सामने आया उसके बाद राजनीति और गरमा गई है। बीजेपी ने कहा कि एक ऐसा शख्स आरोप लगा रहा है जिसने कानून की धज्जियां ही उड़ाई है। पूरा देश जानता है कि किस तरह से सामान्य अपराध में वो दो साल तक जमानत नहीं लिया और पंजाब की जेल से अपना साम्राज्य चलाता रहा।