मुख्तार अंसारी इस समय यूपी की बांदा जेल में बंद हैं। लेकिन यूपी आने से पहले वो रोपड़ की जेल में बंद थे। पंजाब से यूपी लाने की तमाम कोशिशें यूपी सरकार की तरफ से की जाती रही है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने जब दखल दिया तो मुख्तार को रोपड़ जेल से यूपी ले जाया गया। मुख्तार के बारे में यह चर्चा आम थी कि उसे पंजाब की तत्कालीन कांग्रेस सरकार का संरक्षण था। इस विषय पर पंजाब के जेल मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने जो जानकारी दी है उसे पढ़कर जानकर चौंकना लाजिमी है।
हरजोत सिंह बैंस ने क्या कहा
- इस तरह के मामले मुख्यमंत्री , गृह मंत्री , जेल मंत्री से पूछने के बाद ही सम्भव मैं जेल मंत्री हूँ मुझे पता है कि कोई अधिकारी अपने आप इस तरह के फ़ैसले नहीं ले सकता "
- मुख़्तार अंसारी की फ़ाइल मैंने मुख्यमंत्री को दे दी है इसपर हम SIT बनाकर जाँच कराएँगे।
- मैंने अधिकारियों से इसपर जाँच कराई जिसमें पाया गया कि कैसे पूरी सरकार मिलकर संरक्षण दे रही थी।
- मुख़्तार को पंजाब में ही रोकने के लिए दिल्ली के एक बड़े वकील का बिल 55 लाख का जबकि सरकार बड़े मामलों में सिर्फ़ 4 लाख 40 हज़ार तक ही खर्च कर सकती है ।
- मुख़्तार को जिस मामले में पंजाब लाया गया उसमें पुलिस ने 90 दिन बाद भी चालान पेश नहीं किया और न ही मुख़्तार ने 90 दिन बाद ज़मानत माँगी । इससे पता चलता है कि मुख़्तार के लिए पंजाब कितना सुरक्षित था ।
- मुख़्तार का पूरा परिवार रोपड में रहता था । वो कभी भी जेल में आ जा सकते थे।
- मुख़्तार के लिए दो बैरक ख़ाली कराई गयीं जिसमें 25-25 क़ैदी रहते थे। ऐसा तब हुआ जब रोपड जेल में क़ैदियों को रखने की जगह नहीं थी । 130% पर चल रहीं थीं पंजाब की जेल ।
- यूपी की अदालत की तरफ़ से 26 बार प्रोडक्शन वॉरंट भेजा गया लेकिन उसके बाद भी मुख़्तार को UP नहीं भेजा गया ।
पंजाब जेल से नेटवर्क चलाता था मुख्तार
मुख़्तार पंजाब की जेल से अपना नेटवर्क चलाता था, जिस समय उसकी पत्नी उससे जेल में मिलती थी उस वक्त यूपी पुलिस उसकी पत्नी को तलाश रही थी "जेल अधिकारियों के बयान पंजाब सरकार के पास इन्हीं सुविधाओं की वजह से जब उसे पंजाब लाया गया तब वो ठीक था लेकिन जब उसे यहाँ से ले जा रहे थे तो वो बीमार हो गया था ।