बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने मुंबई में खुद पर हुए हमले को लेकर कहा है कि मैंने केंद्र में गृह सचिव को हमले की जानकारी दी है। उन्होंने हमले की रिपोर्ट मांगी है। एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली जाएगा और वहां के अधिकारियों से मुलाकात करेगा। उन्होंने कहा कि जिस तरह से हमारी आवाज दबाई जाती है, उससे लगता है कि उद्धव ठाकरे उसकी तर्ज पर कुछ करने की साजिश रच रहे हैं जैसा मनसुख हिरेन (एंटीलिया केस) के साथ किया गया था। मेरे खिलाफ दर्ज प्राथमिकी फर्जी है।
वहीं इस पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि किरीट सोमैया आईएनएस विक्रांत मामले में आरोपी हैं। उन्होंने देश को गुमराह किया। अगर जनता ने ऐसे लोगों के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया है तो बीजेपी को दुख नहीं होना चाहिए। ऐसे लोगों को महाराष्ट्र की जनता माफ नहीं करेगी।
महाराष्ट्र बीजेपी चीफ चंद्रकांत पाटिल ने कहा किरीट सोमैया पर हमला सिर्फ उन्हें धमकाने का नहीं बल्कि जान से मारने का प्रयास था। यह घटना थाना परिसर में हुई। अब महा विकास अघाडी (MVA) सरकार पुलिस के सामने हिंसा का प्रचार कर रही है। क्या आप यहां केरल या बंगाल जैसी स्थिति बनाना चाहते हैं? एक दिन पहले मोहित काम्बोज पर भी हमला हुआ था। यदि राज्य प्रशासन पुलिस की मदद से कानून-व्यवस्था की स्थिति को खराब कर देगा, तो भाजपा उसी तरह से जवाबी कार्रवाई करेगी। हमारे कार्यकर्ता चुप नहीं रहेंगे।
शनिवार को सोमैया ने कहा कि शिवसेना के गुंडों ने खार थाने पर भारी पथराव किया, मेरी कार के शीशे टूट गए, मैं घायल हो गया, मैं बांद्रा थाने की ओर भागा। पुलिस ने सीएम उद्धव ठाकरे के गुंडों को खार पुलिस स्टेशन पर इकट्ठा होने दिया। जब मैं बाहर निकला, तो गुंडों ने पथराव शुरू कर दिया और मेरी कार की खिड़की तोड़ दी, मुझे भी चोट लग गई। यह मामला पुलिस की निगरानी में है।
BJP नेता किरीट सोमैया पर मुंबई के खार पुलिस स्टेशन के बाहर शिवसैनिकों का हमला, चेहरे से निकला खून
सोमैया ने कहा कि मुंबई पुलिस ने मेरी प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार कर दिया, इसके बजाय उन्होंने एक फर्जी प्राथमिकी दर्ज की, जिसमें कहा गया कि केवल 1 पत्थर फेंका गया था; 70-80 शिवसैनिकों ने मुझ पर हमला किया, सूचना के बावजूद खार पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। उद्धव ठाकरे द्वारा मेरी जान लेने का तीसरा प्रयास किया गया।
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि किरीट सोमैया पर हमले को लेकर गृह सचिव और गृह मंत्री से बात करूंगा और राजनीतिक कार्यकर्ताओं के रूप में काम करने वाली पुलिस के खिलाफ कार्रवाई के लिए पत्र भी लिखूंगा। किरीट सोमैया ने हमले की संभावना के बारे में खार पुलिस को पहले ही सूचित कर दिया था और Z+ सुरक्षा की मांग की थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बजाय उन्होंने राज्य सरकार के दबाव में शिवसेना के गुंडों को हमले को अंजाम देने की अनुमति दी।