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मुंबई में सड़कों पर उतरे हजारों प्रवासी मजदूर, अमित शाह ने की उद्धव ठाकरे से फोन पर बातचीत

Updated Apr 15, 2020 | 00:12 IST

Mumbai Lockdown: लॉकडाउन के बीच मुंबई के बांद्रा में हजारों प्रवासी मजदूरों की भीड़ जुट गई। उन्होंने अपने-अपने घर वापस जाने की मांग की। इसके बाद अमित शाह ने उद्धव ठाकरे से फोन पर बात की।

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मुंबई के बांद्रा में जुटी भीड़

मुंबई: मुंबई में बांद्रा में हैरान और परेशान कर देने वाली तस्वीरें सामने आई हैं। यहां सड़कों पर हजारों मजदूर उतर गए और उन्होंने मांग की कि उन्हें उनके घरों पर पहुंचाने की व्यवस्था की जाए। भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इस घटना के बाद अब महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार निशाने पर आ गई है। हालांकि मुख्यमंत्री के बेटे और सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे ने इसके लिए केंद्र पर निशाना साधा। हालांकि केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने फोन पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात की और घटना पर चिंता जताई।

गृह मंत्री अमित शाह ने उद्धव ठाकरे से फोन पर बात की और बांद्रा की घटना पर चिंता व्यक्त की। शाह ने जोर देकर कहा कि इस तरह की घटनाओं से भारत की कोरोनो वायरस के खिलाफ लड़ाई कमजोर होती है और इस तरह की घटनाओं को रोकने की जरूरत है। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार को अपना पूरा समर्थन देने की भी बात की। 

इससे पहले आदित्य ठाकरे ने ट्वीट कर कहा, 'इस स्थिति के लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है, क्योंकि मजूदरों के घर वापस जाने की व्यवस्था नहीं कर की गई। वे भोजन या आश्रय नहीं चाहते, वे घर वापस जाना चाहते हैं।'

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लॉकडाउन के दौरान सड़कों पर निकले मजदूरों के लिए शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस की गठबंधन सरकार पर हमला किया है। टाइम्स नाउ से बात करते हुए फडणवीस ने कहा, 'ये शर्मनाक घटना है। इतने मजदूर सड़क पर आते हैं और कहते है कि हमें खाना दो या घर दो तो यानी की उन्हें खाना भी नहीं मिल रहा है। हम पहले दिन से कह रहे हैं कि प्रवासियों की व्यवस्था की जाए। सरकार ने कोई व्यवस्था नहीं की है। ये राजनीति करने का समय नहीं है।' 

1500 लोग एकत्र हुए
मुंबई के पुलिस PRO डीसीपी प्रणय अशोक ने बताया, 'आज शाम 4 बजे बांद्रा रेलवे स्टेशन परिसर में लगभग 1500 लोग इकट्ठा हुए। उनमें से कई प्रवासी मजदूर थे। वे लॉकडाउन के विस्तार से नाखुश थे और अपने घरों में वापस जाना चाहते थे। उन्होंने प्रशासन के सामने अपनी मांग रखी। स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने मौके पर जाकर उनसे बात की और उन्हें समझाने की कोशिश की। इस दौरान, भीड़ का एक हिस्सा हिंसक हो गया, इसलिए उन्हें नियंत्रण में लाने के लिए हल्के बल का इस्तेमाल करना पड़ा। भीड़ को तितर-बितर कर दिया गया। पुलिस को वहां तैनात किया गया है। सुरक्षा सामान्य और शांतिपूर्ण है।'

सरकार ने दिया आश्वासन
वहीं महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देखमुख ने कहा, 'मुंबई में बांद्रा स्टेशन के पास एकत्र हुए प्रवासी मजदूरों ने संभवत: सोचा होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों की सीमाएं खोलने का आदेश दे दिया है। बांद्रा स्टेशन पर हालात नियंत्रण में हैं, वहां एकत्र प्रवासी कामगारों के रहने-खाने की व्यवस्था राज्य करेगा। प्रवासियों को यह आश्वासन दिए जाने के बाद कि उनके रहने-खाने की व्यवस्था राज्य करेगा, भीड़ अपने-आप हट गई।' 

घर वापस जाना चाहते हैं मजदूर
लॉकडाउन लागू होने के बाद से दिहाड़ी मजदूर बेरोजगार हो गए हैं। इससे उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उनके भोजन की व्यवस्था की गई है, लेकिन उनमें से अधिकतर पाबंदियों के चलते हो रही दिक्कतों के चलते अपने मूल स्थानों को वापस जाना चाहते हैं। पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार करीब 1000 दिहाड़ी मजदूर दोपहर करीब तीन बजे रेलवे स्टेशन के पास मुंबई उपनगरीय क्षेत्र बांद्रा (पश्चिम) बस डिपो पर एकत्रित हो गए और सड़क पर बैठ गए। एक मजदूर ने कहा कि अब हम भोजन नहीं चाहते हैं, हम अपने मूल स्थान वापस जाना चाहते हैं। एक अन्य ने कहा, 'हमने लॉकडाउन के पहले चरण में अपनी बचत पहले ही खर्च कर दी है। अब हमारे पास खाने को कुछ नहीं है, हम केवल अपने मूल स्थान वापस जाना चाहते हैं, सरकार को हमारे लिए व्यवस्था करनी चाहिए।' 

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