Varanasi Gyanvapi Case लगभग पिछले डेढ़ महीने से अदालत में चल रहा है, ज्ञानवापी परिसर में मां श्रृंगार गौरी की पूजा वाली याचिका को मुस्लिम पक्ष ने खारिज कर दिया। ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में वाराणसी की जिला अदालत में मुस्लिम पक्ष की दलीलें मंगलवार को पूरी हो गईं और हिंदू पक्ष ने अपनी दलीलें रखनी शुरू की। यह सिलसिला बुधवार को भी जारी रहेगा।
हिंदू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने बताया कि मुस्लिम पक्ष ने पूर्व के कानूनों का हवाला देते हुए मुकदमे की पोषणीयता पर सवाल उठाया और अदालत से आग्रह किया कि वह इस मुकदमे को खारिज कर दे।
हिंदू पक्ष ने अपनी दलीलें रखनी शुरू की
उन्होंने बताया कि मुस्लिम पक्ष की दलीलें समाप्त होने के बाद हिंदू पक्ष ने अपनी दलीलें रखनी शुरू की। हिंदू पक्ष के अधिवक्ताओं ने अदालत के समक्ष कहा कि किसी भी स्थान पर नमाज पढ़ने से वह स्थान मस्जिद नहीं हो जाती। यादव ने कहा कि हिंदू पक्ष की बहस कल यानी बुधवार को भी जारी रहेगी।
मई महीने में ज्ञानवापी परिसर की वीडियोग्राफी सर्वे कराया गया था
गौरतलब है कि राखी सिंह तथा अन्य ने ज्ञानवापी परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी के विग्रहों की सुरक्षा और नियमित पूजा पाठ के आदेश देने के आग्रह के संबंध में वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में याचिका दायर की थी, जिसके आदेश पर पिछले मई महीने में ज्ञानवापी परिसर की वीडियोग्राफी सर्वे कराया गया था।
कोर्ट ने वीडियोग्राफी सर्वे पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था
मुस्लिम पक्ष में इस पर यह कहते हुए आपत्ति की थी कि निचली अदालत का यह फैसला उपासना स्थल अधिनियम 1991 के प्रावधानों के खिलाफ है और इसी दलील के साथ उसने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया था। न्यायालय ने वीडियोग्राफी सर्वे पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था, लेकिन मामले को जिला अदालत में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था। उसके बाद से इस मामले की सुनवाई जिला अदालत में चल रही है। इस मामले की पोषणीयता पर जिला न्यायाधीश ए. के. विश्वेश की अदालत में दलीलें पेश की जा रही हैं। इसी क्रम में मुस्लिम पक्ष ने पहले दलीलें रखीं, जो मंगलवार को पूरी हुईं।